Movie/Album: गेटवे ऑफ़ इंडिया (1957)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजेंद्र कृष्ण
Performed By: लता मंगेशकर
सपने में सजन से दो बातें
एक याद रही, एक भूल गए
सपने में सजन से...
इक रात मिलन की आई थी
और उसके बाद जुदाई थी
गम और ख़ुशी की दो रातें
एक याद रही, एक भूल गए
सपने में सजन से...
इक सावन ऋुत लाई झूले
दूजी में सजन हमको भूले
देखी है यही दो बरसातें
एक याद रही, एक भूल गए
सपने में सजन से...
इक रोज़ तुम्हें दिल दे बैठे
फिर रोग विरह का ले बैठे
ये प्यार की है दो सौगातें
एक याद रही, एक भूल गए
सपने में सजन से...
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजेंद्र कृष्ण
Performed By: लता मंगेशकर
सपने में सजन से दो बातें
एक याद रही, एक भूल गए
सपने में सजन से...
इक रात मिलन की आई थी
और उसके बाद जुदाई थी
गम और ख़ुशी की दो रातें
एक याद रही, एक भूल गए
सपने में सजन से...
इक सावन ऋुत लाई झूले
दूजी में सजन हमको भूले
देखी है यही दो बरसातें
एक याद रही, एक भूल गए
सपने में सजन से...
इक रोज़ तुम्हें दिल दे बैठे
फिर रोग विरह का ले बैठे
ये प्यार की है दो सौगातें
एक याद रही, एक भूल गए
सपने में सजन से...
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