Movie/Album: रंगून (2017)
Music By: विशाल भारद्वाज
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: अरिजीत सिंह
ये इश्क है, ये इश्क है
सूफ़ी के सुल्फे की, लौ उठ के कहती है
आतिश ये बुझ के भी, जलती ही रहती है
ये इश्क है, ये इश्क है
सूफ़ी के सुल्फे...
साहिल पे सर रख के, दरिया है सोया है
सदियों से बहता है, आँखों ने बोया है
ये इश्क है, ये इश्क है
तन्हाई धुनता है, परछाई बुनता है
रेशम सी नज़रों को, आँखों से सुनता है
ये इश्क है, ये इश्क है
सूफ़ी के सुल्फे की लौ उठी अल्लाह हू
जलते ही रहना है, बाकी ना मैं ना तू
ये इश्क है, ये इश्क है
बेखुद सा रहता है, ये कैसा सूफ़ी है
जागे तो तबरेज़ी, बोले तो रूमी है
ये इश्क है, ये इश्क है...
Music By: विशाल भारद्वाज
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: अरिजीत सिंह
ये इश्क है, ये इश्क है
सूफ़ी के सुल्फे की, लौ उठ के कहती है
आतिश ये बुझ के भी, जलती ही रहती है
ये इश्क है, ये इश्क है
सूफ़ी के सुल्फे...
साहिल पे सर रख के, दरिया है सोया है
सदियों से बहता है, आँखों ने बोया है
ये इश्क है, ये इश्क है
तन्हाई धुनता है, परछाई बुनता है
रेशम सी नज़रों को, आँखों से सुनता है
ये इश्क है, ये इश्क है
सूफ़ी के सुल्फे की लौ उठी अल्लाह हू
जलते ही रहना है, बाकी ना मैं ना तू
ये इश्क है, ये इश्क है
बेखुद सा रहता है, ये कैसा सूफ़ी है
जागे तो तबरेज़ी, बोले तो रूमी है
ये इश्क है, ये इश्क है...
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