ज़ुल्मी संग आँख लड़ी - Zulmi Sang Aankh Ladi (Lata Mangeshkar, Madhumati)

Movie/Album: मधुमती (1958)
Music By: सलिल चौधरी
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed by: लता मंगेशकर

ज़ुल्मी संग आँख लड़ी
ज़ुल्मी संग आँख लड़ी रे
सखी मैं का से कहुँ री
ए सखी का से कहुँ
जाने कैसी ये रात बड़ी
ज़ुल्मी संग आँख लड़ी रे...

वो छुप-छुप के बन्सरी बजाये
सुनाये मोहर मस्ती में डूबा हुआ राग रे
मोहे तारों की छाँव में बुलाये
चुराए मेरी निंदिया, मैं रह जाऊँ जाग रे
लगे दिन छोटा, रात बड़ी
ज़ुल्मी संग आँख लड़ी...

बातों-बातों में रोग बढ़ा जाये
हमारा जिया तड़पे किसी के लिए शाम से
मेरा पागलपना तो कोई देखो
पुकारूँ में चंदा को साजन के नाम से
फिरी मन पे जादू की छड़ी
ज़ुल्मी संग आँख लड़ी...

No comments :

Post a Comment

यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...