Movie/Album: थोड़ी सी बेवफाई (1980)
Music By: खय्याम
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: लता मंगेशकर, किशोर कुमार
हज़ार राहें, मुड़ के देखीं
कहीं से कोई सदा ना आई
बड़ी वफ़ा से, निभाई तुमने
हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई
जहाँ से तुम मोड़ मुड़ गये थे
ये मोड़ अब भी वहीं पड़े हैं
हम अपने पैरों में जाने कितने
भँवर लपेटे हुए खड़े हैं
बड़ी वफ़ा से...
कहीं किसी रोज़ यूँ भी होता
हमारी हालत तुम्हारी होती
जो रातें हमने गुज़ारी मर के
वो रात तुमने गुज़ारी होती
बड़ी वफ़ा से...
तुम्हें ये ज़िद थी के हम बुलाते
हमें ये उम्मीद वो पुकारें
है नाम होठों पे अब भी लेकिन
आवाज़ में पड़ गई दरारें
हज़ार राहें मुड़ के...
Music By: खय्याम
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: लता मंगेशकर, किशोर कुमार
हज़ार राहें, मुड़ के देखीं
कहीं से कोई सदा ना आई
बड़ी वफ़ा से, निभाई तुमने
हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई
जहाँ से तुम मोड़ मुड़ गये थे
ये मोड़ अब भी वहीं पड़े हैं
हम अपने पैरों में जाने कितने
भँवर लपेटे हुए खड़े हैं
बड़ी वफ़ा से...
कहीं किसी रोज़ यूँ भी होता
हमारी हालत तुम्हारी होती
जो रातें हमने गुज़ारी मर के
वो रात तुमने गुज़ारी होती
बड़ी वफ़ा से...
तुम्हें ये ज़िद थी के हम बुलाते
हमें ये उम्मीद वो पुकारें
है नाम होठों पे अब भी लेकिन
आवाज़ में पड़ गई दरारें
हज़ार राहें मुड़ के...
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