Movie/Album: कहानी (2012)
Music By: विशाल-शेखर
Lyrics By: संदीप श्रीवास्तव
Performed By: जावेद बशीर
पिया तू काहे रूठा रे
निगोड़ा जग झूठा रे
चली कोस-कोस मैं अकेली
मोसे बुझी जाये ना पहेली
बिरहा बनी मोरी सहेली
पिया तू काहे रूठा रे...
मैं जागूँ सोते-सोते जैसे
मोहे लागे बदन
मोरा तूने ही हो छुआ
मैं जोहूँ तोरी बाट-बाट
जले साथ साथ गहरी का दीया
तू जो घर आये, तरस दिखाये
गरबा मैं तोसे लग जाऊँ
पिया तू काहे रूठा रे...
दिन बीते मेरे फ़रियाद में
काटूँ रैना भी तोरी याद में
जुड़े ऐसे तार कर के सिंगार
गई ख़ुद को हार
चुभन सीने में, अगन जीने में
तड़प का से कहूँ
ना मीरा ना हूँ राधा
कान्हाँ तू भुला वादा
जियूँ तो कैसे जियूँ
पिया तू काहे रूठा रे...
Music By: विशाल-शेखर
Lyrics By: संदीप श्रीवास्तव
Performed By: जावेद बशीर
पिया तू काहे रूठा रे
निगोड़ा जग झूठा रे
चली कोस-कोस मैं अकेली
मोसे बुझी जाये ना पहेली
बिरहा बनी मोरी सहेली
पिया तू काहे रूठा रे...
मैं जागूँ सोते-सोते जैसे
मोहे लागे बदन
मोरा तूने ही हो छुआ
मैं जोहूँ तोरी बाट-बाट
जले साथ साथ गहरी का दीया
तू जो घर आये, तरस दिखाये
गरबा मैं तोसे लग जाऊँ
पिया तू काहे रूठा रे...
दिन बीते मेरे फ़रियाद में
काटूँ रैना भी तोरी याद में
जुड़े ऐसे तार कर के सिंगार
गई ख़ुद को हार
चुभन सीने में, अगन जीने में
तड़प का से कहूँ
ना मीरा ना हूँ राधा
कान्हाँ तू भुला वादा
जियूँ तो कैसे जियूँ
पिया तू काहे रूठा रे...
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