Movie/Album: नीरजा (2016)
Music By: विशाल खुराना
Lyrics By: प्रसून जोशी
Performed By: कविता सेठ
कहता ये पल, खुद से निकल, जीते हैं चल
ग़म मुसाफ़िर था जाने दे, धूप आँगन में आने दे
जीते हैं चल, जीते हैं चल, जीते हैं चल
तलवों के नीचे है ठंडी-सी एक धरती
कहती है आजा दौड़ेंगे
यादों के बक्सों में ज़िन्दा-सी खुशबू है
कहती है सब पीछे छोड़ेंगे
उँगलियों से कल की रेत बहने दे
आज और अभी में खुद को रहने दे
कहता ये पल, खुद से निकल
जीते हैं चल, जीते हैं चल, जीते हैं चल
एक टुकड़ा हसीं चख ले
इक डली ज़िन्दगी रख ले
जीते हैं चल, जीते हैं चल, जीते हैं चल
हिचकी रुक जाने दे, सिसकी थम जाने दे
इस पल की ये गुज़ारिश है
मरना क्यों जी लेना, बूंदों को पी लेना
तेरे ही सपनों की बारिश है
पानियों को रस्ते तू बनाने दे
रोशनी के पीछे खुद को जाने दे
कहता ये पल...
Music By: विशाल खुराना
Lyrics By: प्रसून जोशी
Performed By: कविता सेठ
कहता ये पल, खुद से निकल, जीते हैं चल
ग़म मुसाफ़िर था जाने दे, धूप आँगन में आने दे
जीते हैं चल, जीते हैं चल, जीते हैं चल
तलवों के नीचे है ठंडी-सी एक धरती
कहती है आजा दौड़ेंगे
यादों के बक्सों में ज़िन्दा-सी खुशबू है
कहती है सब पीछे छोड़ेंगे
उँगलियों से कल की रेत बहने दे
आज और अभी में खुद को रहने दे
कहता ये पल, खुद से निकल
जीते हैं चल, जीते हैं चल, जीते हैं चल
एक टुकड़ा हसीं चख ले
इक डली ज़िन्दगी रख ले
जीते हैं चल, जीते हैं चल, जीते हैं चल
हिचकी रुक जाने दे, सिसकी थम जाने दे
इस पल की ये गुज़ारिश है
मरना क्यों जी लेना, बूंदों को पी लेना
तेरे ही सपनों की बारिश है
पानियों को रस्ते तू बनाने दे
रोशनी के पीछे खुद को जाने दे
कहता ये पल...
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