Movie/Album: प्लेयर्स (2012)
Music By: प्रीतम चक्रवर्ती
Lyrics By: आशीष पंडित
Performed By: ऋतू पाठक
क्यूँ दूरियाँ हैं दरमियाँ
बढ़ जाने दे नज़दीकियाँ
हर साँस में महसूस कर
इन साँसों की मदहोशियाँ
मेरा नशा ऐसे चढ़े, मेरा नशा ज़िद्द पे अड़े
मेरा नशा ऐसे नचाये, झूम झूम झूम झूमता जा
मेरा नशा तुझको हुआ, मेरा नशा है ख़्वाब सा
मेरा नशा ऐसे नचाये, झूम झूम झूम झूमता तो जा
जिस आग में ये बदन जल रहा है
मेरा ऐ हमसफ़र
तू भी उसी में जल जाएगा, जाएगा
परवाने क्यूँ कर शमा पे मचलते हैं
तुझको आज फिर
इसका पता भी चल जाएगा
मैं ही शहद मैं ही ज़हर
मुझमें तेरे शाम-ओ-सहर
मेरे इन पनाहों में आकर, झूम झूम झूम झूमता जा
मेरा नशा ऐसे चढ़े...
मैं भी हूँ तन्हाँ है, तू भी अकेला है
मौका भी हसीं
मिलने का होने दे सिलसिला, सिलसिला
बिन कुछ कहे कुछ सुने कुछ किये
कब तुझपे मर गई
मुझको पता भी ना ये चला
लो मर गए हम बेक़सूर
वो जी गए जिनका कसूर
आँखों से मेरी जाँ लेकर, झूम झूम झूम झूमता जा
मेरा नशा ऐसे चढ़े...
Music By: प्रीतम चक्रवर्ती
Lyrics By: आशीष पंडित
Performed By: ऋतू पाठक
क्यूँ दूरियाँ हैं दरमियाँ
बढ़ जाने दे नज़दीकियाँ
हर साँस में महसूस कर
इन साँसों की मदहोशियाँ
मेरा नशा ऐसे चढ़े, मेरा नशा ज़िद्द पे अड़े
मेरा नशा ऐसे नचाये, झूम झूम झूम झूमता जा
मेरा नशा तुझको हुआ, मेरा नशा है ख़्वाब सा
मेरा नशा ऐसे नचाये, झूम झूम झूम झूमता तो जा
जिस आग में ये बदन जल रहा है
मेरा ऐ हमसफ़र
तू भी उसी में जल जाएगा, जाएगा
परवाने क्यूँ कर शमा पे मचलते हैं
तुझको आज फिर
इसका पता भी चल जाएगा
मैं ही शहद मैं ही ज़हर
मुझमें तेरे शाम-ओ-सहर
मेरे इन पनाहों में आकर, झूम झूम झूम झूमता जा
मेरा नशा ऐसे चढ़े...
मैं भी हूँ तन्हाँ है, तू भी अकेला है
मौका भी हसीं
मिलने का होने दे सिलसिला, सिलसिला
बिन कुछ कहे कुछ सुने कुछ किये
कब तुझपे मर गई
मुझको पता भी ना ये चला
लो मर गए हम बेक़सूर
वो जी गए जिनका कसूर
आँखों से मेरी जाँ लेकर, झूम झूम झूम झूमता जा
मेरा नशा ऐसे चढ़े...
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