Movie/Album: खामोशियाँ (2015)
Music By: जीत गांगुली
Lyrics By: रश्मि सिंह
Performed By: अरिजीत सिंह
खामोशियाँ आवाज़ हैं
तुम सुनने तो आओ कभी
छू कर तुम्हें खिल जाएँगी
घर इनको बुलाओ कभी
बेकरार है बात करने को
कहने दो इनको ज़रा
खामोशियाँ, तेरी मेरी खामोशियाँ
खामोशियाँ, लिपटी हुईं खामोशियाँ
क्या उस गली में कभी तेरा जाना हुआ
जहाँ से ज़माने को गुज़रे ज़माना हुआ
मेरा समय तो वहीं पे है ठहरा हुआ
बताऊँ तुम्हें क्या मेरे साथ क्या-क्या हुआ
खामोशियाँ एक साज़ है
तुम धुन कोई लाओ ज़रा
खामोशियाँ अल्फ़ाज़ है
कभी आ गुनगुना ले ज़रा
बेकरार है बात करने को
कहने दो इनको ज़रा
खामोशियाँ...
नदियाँ का पानी भी खामोश बहता यहाँ
खिली चाँदनी में छिपी लाख खामोशियाँ
बारिश की बूँदो की होती कहाँ है ज़ुबां
सुलगते दिलों में है खामोश उठता धुआँ
खामोशियाँ आकाश हैं
तुम उड़ने तो आओ ज़रा
खामोशियाँ एहसास हैं
तुम्हें महसूस होती हैं क्या
बेकरार है बात करने को
कहने दो इनको ज़रा
खामोशियाँ...
Music By: जीत गांगुली
Lyrics By: रश्मि सिंह
Performed By: अरिजीत सिंह
खामोशियाँ आवाज़ हैं
तुम सुनने तो आओ कभी
छू कर तुम्हें खिल जाएँगी
घर इनको बुलाओ कभी
बेकरार है बात करने को
कहने दो इनको ज़रा
खामोशियाँ, तेरी मेरी खामोशियाँ
खामोशियाँ, लिपटी हुईं खामोशियाँ
क्या उस गली में कभी तेरा जाना हुआ
जहाँ से ज़माने को गुज़रे ज़माना हुआ
मेरा समय तो वहीं पे है ठहरा हुआ
बताऊँ तुम्हें क्या मेरे साथ क्या-क्या हुआ
खामोशियाँ एक साज़ है
तुम धुन कोई लाओ ज़रा
खामोशियाँ अल्फ़ाज़ है
कभी आ गुनगुना ले ज़रा
बेकरार है बात करने को
कहने दो इनको ज़रा
खामोशियाँ...
नदियाँ का पानी भी खामोश बहता यहाँ
खिली चाँदनी में छिपी लाख खामोशियाँ
बारिश की बूँदो की होती कहाँ है ज़ुबां
सुलगते दिलों में है खामोश उठता धुआँ
खामोशियाँ आकाश हैं
तुम उड़ने तो आओ ज़रा
खामोशियाँ एहसास हैं
तुम्हें महसूस होती हैं क्या
बेकरार है बात करने को
कहने दो इनको ज़रा
खामोशियाँ...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...