Movie/Album: राज हठ (1956)
Music By: शंकर-जयकिशन
Lyrics By: शैलेंद्र
Performed By: लता मंगेशकर
प्यारे बाबुल से बिछड़ के हो
घर का आँगन सूना कर के
गोरी कहाँ चली घूँघट में चाँद छुपाये
सुनो कहती है शहनाई हो
गोरी हो गई पराई
चंचल घोड़े पे सवार लेने साजना आये
सूने महल, उदास अटारी
रूठी रूठी सी फुलवारी
दिल में तड़प, चेहरे पे हँसी है
हाय लगी ये कैसी कटारी
बाबुल काहे को छुपाये
दर्द होठों से दबाये
तू ये चाहे के न चाहे
आँसू आँख में आये
प्यारे बाबुल से बिछड़ के...
जाने अनजाने भूल हुई जो
मेरी सखी उसे दिल से भुला दे
नैहर का रहे नाम उजागर
दे बाबुल मोहे ऐसी दुआ दे
सखी दिल की दुआएँ
तेरे संग संग जाए
कभी कोई भी दुख
तेरे पास न आये
प्यारे बाबुल से बिछड़ के...
Music By: शंकर-जयकिशन
Lyrics By: शैलेंद्र
Performed By: लता मंगेशकर
प्यारे बाबुल से बिछड़ के हो
घर का आँगन सूना कर के
गोरी कहाँ चली घूँघट में चाँद छुपाये
सुनो कहती है शहनाई हो
गोरी हो गई पराई
चंचल घोड़े पे सवार लेने साजना आये
सूने महल, उदास अटारी
रूठी रूठी सी फुलवारी
दिल में तड़प, चेहरे पे हँसी है
हाय लगी ये कैसी कटारी
बाबुल काहे को छुपाये
दर्द होठों से दबाये
तू ये चाहे के न चाहे
आँसू आँख में आये
प्यारे बाबुल से बिछड़ के...
जाने अनजाने भूल हुई जो
मेरी सखी उसे दिल से भुला दे
नैहर का रहे नाम उजागर
दे बाबुल मोहे ऐसी दुआ दे
सखी दिल की दुआएँ
तेरे संग संग जाए
कभी कोई भी दुख
तेरे पास न आये
प्यारे बाबुल से बिछड़ के...
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