Movie/Album: कल हो ना हो (2003)
Music By: शंकर-एहसान-लाॅय
Lyrics By: जावेद अख़्तर
Performed By: शंकर महादेवन, रवि खोटे
मैंने जिसे अभी-अभी देखा है
कौन है वो अंजानी
उसे जितना देखूँ उतना सोचूँ
क्या उसे मैं कह दूँ
मैंने जिसे अभी-अभी देखा है
कौन है वो अंजानी
वो है कोई कली या कोई किरण
या है कोई कहानी
उसे जितना देखूँ उतना सोचूँ
क्या उसे मैं कह दूँ
प्रिटी वूमन, हे. प्रिटी वूमन
देखो देखो ना प्रिटी वूमन
प्रिटी वूमन देखो देखो प्रिटी वूमन
प्रिटी वूमन तुम भी कहो ना प्रिटी वूमन
मैंने जिसे अभी-अभी...
यो प्रिटी वूमन
लिसन अप गर्ल व्हेन यू फील दिस वे
डोन्ट यू फील द सनशाइन कमिंग अप टूडे
यू गाॅट टू फील इट राईट
जस्ट लाइक डे आफ्टर टूनाईट
डोन्ट लेट द सनशाइन आउट ऑफ़ याॅर साइट
काॅज़ आई कैन फील यू
हे कैन यू फील इट व्हेन आई से दाट
आई कैन फील यू हीयर
कैन यू फील मी व्हेन आई से दाट
आई ऐम क्रेज़ी अबाउट यू प्रिटी वूमन
सोने का रंग है, शीशे का अंग है
जो देखे दंग है क्या कहूँ
हैरान मैं भी हूँ
ये क्या अंदाज़ है इतना क्यूँ नाज़ है
इसमें क्या राज़ है क्या कहूँ
वो तो पल में खुश है, पल में ख़फा
बदले वो रंग हर घड़ी
पर जब भी देखूँ रूप उसका
लगती है प्यारी बड़ी
उसे जितना देखूँ...
हो आँखों में है. नशा ज़ुल्फों में है घटा
पहले हमने अदा ये हसीं
देखी ना थी कहीं
देखी जो ये परी, मस्ती दिल में भरी
है ये जादूगरी या नहीं
हो, ना तो जानूँ क्या है नाम
ना जानूँ मैं पता
पर इतना है मैंने जाना
जिसे देख ले एक नज़र भर के
उसको कर दे वो दीवाना
उसे जितना देखूँ...
Music By: शंकर-एहसान-लाॅय
Lyrics By: जावेद अख़्तर
Performed By: शंकर महादेवन, रवि खोटे
मैंने जिसे अभी-अभी देखा है
कौन है वो अंजानी
उसे जितना देखूँ उतना सोचूँ
क्या उसे मैं कह दूँ
मैंने जिसे अभी-अभी देखा है
कौन है वो अंजानी
वो है कोई कली या कोई किरण
या है कोई कहानी
उसे जितना देखूँ उतना सोचूँ
क्या उसे मैं कह दूँ
प्रिटी वूमन, हे. प्रिटी वूमन
देखो देखो ना प्रिटी वूमन
प्रिटी वूमन देखो देखो प्रिटी वूमन
प्रिटी वूमन तुम भी कहो ना प्रिटी वूमन
मैंने जिसे अभी-अभी...
यो प्रिटी वूमन
लिसन अप गर्ल व्हेन यू फील दिस वे
डोन्ट यू फील द सनशाइन कमिंग अप टूडे
यू गाॅट टू फील इट राईट
जस्ट लाइक डे आफ्टर टूनाईट
डोन्ट लेट द सनशाइन आउट ऑफ़ याॅर साइट
काॅज़ आई कैन फील यू
हे कैन यू फील इट व्हेन आई से दाट
आई कैन फील यू हीयर
कैन यू फील मी व्हेन आई से दाट
आई ऐम क्रेज़ी अबाउट यू प्रिटी वूमन
सोने का रंग है, शीशे का अंग है
जो देखे दंग है क्या कहूँ
हैरान मैं भी हूँ
ये क्या अंदाज़ है इतना क्यूँ नाज़ है
इसमें क्या राज़ है क्या कहूँ
वो तो पल में खुश है, पल में ख़फा
बदले वो रंग हर घड़ी
पर जब भी देखूँ रूप उसका
लगती है प्यारी बड़ी
उसे जितना देखूँ...
हो आँखों में है. नशा ज़ुल्फों में है घटा
पहले हमने अदा ये हसीं
देखी ना थी कहीं
देखी जो ये परी, मस्ती दिल में भरी
है ये जादूगरी या नहीं
हो, ना तो जानूँ क्या है नाम
ना जानूँ मैं पता
पर इतना है मैंने जाना
जिसे देख ले एक नज़र भर के
उसको कर दे वो दीवाना
उसे जितना देखूँ...
‘डोन्ट यू ही द सनशाइन कमिंग अप टूडे’ becomes ‘Don’t you hee the sunshine coming up today’
ReplyDelete