Movie/Album: क्या कहना (2000)
Music By: राजेश रोशन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: हरिहरन, कविता कृष्णामूर्ति
ऐ दिल लाया है बहार
अपनों का प्यार, क्या कहना
मिले हम, छलक उठा
ख़ुशी का ख़ुमार, क्या कहना
खिले-खिले चेहरों से आज
घर है मेरा गुल-ए-गुलज़ार
क्या कहना
ऐ दिल लाया है बहार...
हम तुम यूँ हीं मिलते रहे
महफ़िल यूँ हीं सजती रहे
बस प्यार की यही एक धुन
हर सुबह शाम बजती रहे
गले में महकता रहे
प्यार भरी बाहों का हार
क्या कहना
खिले-खिले चेहरों...
ऐ दिल लाया है बहार...
Music By: राजेश रोशन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: हरिहरन, कविता कृष्णामूर्ति
ऐ दिल लाया है बहार
अपनों का प्यार, क्या कहना
मिले हम, छलक उठा
ख़ुशी का ख़ुमार, क्या कहना
खिले-खिले चेहरों से आज
घर है मेरा गुल-ए-गुलज़ार
क्या कहना
ऐ दिल लाया है बहार...
हम तुम यूँ हीं मिलते रहे
महफ़िल यूँ हीं सजती रहे
बस प्यार की यही एक धुन
हर सुबह शाम बजती रहे
गले में महकता रहे
प्यार भरी बाहों का हार
क्या कहना
खिले-खिले चेहरों...
ऐ दिल लाया है बहार...
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