Movie/Album: क्या कहना (2000)
Music By: राजेश रोशन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: अल्का याग्निक, उदित नारायण
देखिये अजी जानेमन
बोलिये मेहरबाँ
हमसे यूँ मत खेलिये
क्यों भला जान-ए-जाँ
टूट के रह जाएगी
प्यार में मेरी जाँ
देखिये अजी जानेमन
बोलिये मेहरबाँ
हमसे यूँ मत खेलिये
क्यों भला जान-ए-जाँ
टूट के रह जायेंगे
हम भी तो मेरी जाँ
मानती हूँ मैं, थी मेरी ख़ता
जो तुम्हें ना समझी
जो हुआ सनम सो हुआ सनम
भूल जाओ ना जी
अब तो सिवा तुम्हारे
नहीं कुछ भी याद जानम
आ एक दूसरे में
खो जायें आज हमदम
यूँ मिलें दो बदन
फिर ना खोले जुबां
देखिये अजी जानेमन...
आज बाहों के इस भँवर में
हम ऐसे डूब जाएँ
अपने आप को ढूंढते रहे
और ना ढूंढ पाएँ
मेरी तरह से तुम भी
सब कुछ लुटा दो जानम
अब जो है पास मेरे
सब है तुम्हारा हमदम
अरे यूँ लगा आज धरती पे
गिर पड़ा आसमाँ
टूट के रह जाएगी...
Music By: राजेश रोशन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: अल्का याग्निक, उदित नारायण
देखिये अजी जानेमन
बोलिये मेहरबाँ
हमसे यूँ मत खेलिये
क्यों भला जान-ए-जाँ
टूट के रह जाएगी
प्यार में मेरी जाँ
देखिये अजी जानेमन
बोलिये मेहरबाँ
हमसे यूँ मत खेलिये
क्यों भला जान-ए-जाँ
टूट के रह जायेंगे
हम भी तो मेरी जाँ
मानती हूँ मैं, थी मेरी ख़ता
जो तुम्हें ना समझी
जो हुआ सनम सो हुआ सनम
भूल जाओ ना जी
अब तो सिवा तुम्हारे
नहीं कुछ भी याद जानम
आ एक दूसरे में
खो जायें आज हमदम
यूँ मिलें दो बदन
फिर ना खोले जुबां
देखिये अजी जानेमन...
आज बाहों के इस भँवर में
हम ऐसे डूब जाएँ
अपने आप को ढूंढते रहे
और ना ढूंढ पाएँ
मेरी तरह से तुम भी
सब कुछ लुटा दो जानम
अब जो है पास मेरे
सब है तुम्हारा हमदम
अरे यूँ लगा आज धरती पे
गिर पड़ा आसमाँ
टूट के रह जाएगी...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...