Movie/Album: निकाह (1982)
Music By: रवि
Lyrics By: हसन कमाल
Performed By: महेंद्र कपूर, सलमा आग़ा
दिल की ये आरज़ू थी कोई दिलरुबा मिले
लो बन गया नसीब के तुम हमसे आ मिले
दिल की ये आरज़ू...
देखें हमें नसीब से अब, अपने क्या मिले
अब तक तो जो भी दोस्त मिले, बेवफ़ा मिले
आँखों को एक इशारे की ज़हमत तो दीजिये
कदमों में दिल बिछा दूँ इजाज़त तो दीजिये
ग़म को गले लगा लूँ जो ग़म आपका मिले
दिल की ये आरज़ू...
हमने उदासियों में गुज़ारी है ज़िन्दगी
लगता है डर फ़रेब-ए-वफ़ा से कभी-कभी
ऐसा न हो के ज़ख़्म कोई फिर नया मिले
अब तक तो जो...
कल तुम जुदा हुए थे जहाँ साथ छोड़ कर
हम आज तक खड़े हैं उसी दिल के मोड़ पर
हम को इस इन्तज़ार का कुछ तो सिला मिले
दिल की ये आरज़ू...
Music By: रवि
Lyrics By: हसन कमाल
Performed By: महेंद्र कपूर, सलमा आग़ा
दिल की ये आरज़ू थी कोई दिलरुबा मिले
लो बन गया नसीब के तुम हमसे आ मिले
दिल की ये आरज़ू...
देखें हमें नसीब से अब, अपने क्या मिले
अब तक तो जो भी दोस्त मिले, बेवफ़ा मिले
आँखों को एक इशारे की ज़हमत तो दीजिये
कदमों में दिल बिछा दूँ इजाज़त तो दीजिये
ग़म को गले लगा लूँ जो ग़म आपका मिले
दिल की ये आरज़ू...
हमने उदासियों में गुज़ारी है ज़िन्दगी
लगता है डर फ़रेब-ए-वफ़ा से कभी-कभी
ऐसा न हो के ज़ख़्म कोई फिर नया मिले
अब तक तो जो...
कल तुम जुदा हुए थे जहाँ साथ छोड़ कर
हम आज तक खड़े हैं उसी दिल के मोड़ पर
हम को इस इन्तज़ार का कुछ तो सिला मिले
दिल की ये आरज़ू...
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