Movie/Album: सम्राट चन्द्रगुप्त (1958)
Music By: कल्याणजी वीरजी शाह
Lyrics By: भरत व्यास
Performed By: लता मंगेशकर, मोहम्मद रफ़ी
जा तोसे नहीं बोलूँ, घूँघट नहीं खोलूँ
क्यों चोरी-चोरी मुझसे, यूँ नज़रें मिलाये
जा तोसे नही बोलूँ...
रूठों न यूँ अलबेली, हमने तो की अटखेली
क्यों गोरी-गोरी सूरत, घूँघट में छुपाये
जा तोसे नही बोलूँ...
तुम तो सजन मन के, चितचोर बड़े हो
मुँहज़ोर बड़े हो, जी कठोर बड़े हो
अजी तीर नज़र के जी, जिगर पार गये हैं
जीत गये तुम, और हम हार गये हैं
पकड़ो न मोरी बैयां, सैयां मैं पडूँ पैयाँ
क्यों चोरी चोरी मुझसे...
रूठने की अच्छी, ये रीत नहीं है
फेर लिया मुखड़ा, तो प्रीत नहीं है
अजी हमसे बनाओ ना पिया झूठी ये बातें
जान गये हम तेरी, नज़रों की ये घातें
नजरों की ये घातें, जी पिया झूठ ये बातें
मुड़-मुड़ के न यूँ ताको, घूँघट से न यूँ झाँको
क्यों गोरी-गोरी सूरत...
Music By: कल्याणजी वीरजी शाह
Lyrics By: भरत व्यास
Performed By: लता मंगेशकर, मोहम्मद रफ़ी
जा तोसे नहीं बोलूँ, घूँघट नहीं खोलूँ
क्यों चोरी-चोरी मुझसे, यूँ नज़रें मिलाये
जा तोसे नही बोलूँ...
रूठों न यूँ अलबेली, हमने तो की अटखेली
क्यों गोरी-गोरी सूरत, घूँघट में छुपाये
जा तोसे नही बोलूँ...
तुम तो सजन मन के, चितचोर बड़े हो
मुँहज़ोर बड़े हो, जी कठोर बड़े हो
अजी तीर नज़र के जी, जिगर पार गये हैं
जीत गये तुम, और हम हार गये हैं
पकड़ो न मोरी बैयां, सैयां मैं पडूँ पैयाँ
क्यों चोरी चोरी मुझसे...
रूठने की अच्छी, ये रीत नहीं है
फेर लिया मुखड़ा, तो प्रीत नहीं है
अजी हमसे बनाओ ना पिया झूठी ये बातें
जान गये हम तेरी, नज़रों की ये घातें
नजरों की ये घातें, जी पिया झूठ ये बातें
मुड़-मुड़ के न यूँ ताको, घूँघट से न यूँ झाँको
क्यों गोरी-गोरी सूरत...
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