Movie/Album: अभिनेत्री (1970)
Music By: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: लता मंगेशकर
ओ घटा साँवरी, थोड़ी-थोड़ी बावरी
हो गयी है बरसात क्या
हर साँस है बहकी हुई
अबकी बरस है ये बात क्या
हर बात है बहकी हुई
अबकी बरस है ये बात क्या
ओ घटा साँवरी...
पा के अकेली मुझे, मेरा आँचल मेरे साथ उलझे
छू ले अचानक कोई, लट में ऐसे मेरा हाथ उलझे
क्यों रे बादल तू ने छूआ मेरा हाथ क्या
ओ घटा साँवरी...
आवाज़ थी कल यही, फिर भी ऐसे लहकती ना देखी
पग में थी पायल मगर, फिर भी ऐसे छनकती ना देखी
चंचल हो गये घुँगरू मेरे रातों-रात क्या
ओ घटा साँवरी...
मस्ती से बोझल पवन, जैसे छाया कोई मन पे डोले
बरखा की हर बूँद पर, थरथरी सी मेरे तन पे डोले
पागल मौसम जा रे तू, लगा मेरे साथ क्या!
ओ घटा साँवरी...
Music By: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: लता मंगेशकर
ओ घटा साँवरी, थोड़ी-थोड़ी बावरी
हो गयी है बरसात क्या
हर साँस है बहकी हुई
अबकी बरस है ये बात क्या
हर बात है बहकी हुई
अबकी बरस है ये बात क्या
ओ घटा साँवरी...
पा के अकेली मुझे, मेरा आँचल मेरे साथ उलझे
छू ले अचानक कोई, लट में ऐसे मेरा हाथ उलझे
क्यों रे बादल तू ने छूआ मेरा हाथ क्या
ओ घटा साँवरी...
आवाज़ थी कल यही, फिर भी ऐसे लहकती ना देखी
पग में थी पायल मगर, फिर भी ऐसे छनकती ना देखी
चंचल हो गये घुँगरू मेरे रातों-रात क्या
ओ घटा साँवरी...
मस्ती से बोझल पवन, जैसे छाया कोई मन पे डोले
बरखा की हर बूँद पर, थरथरी सी मेरे तन पे डोले
पागल मौसम जा रे तू, लगा मेरे साथ क्या!
ओ घटा साँवरी...
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