Movie/Album: निर्दोष (2018)
Music By: लियाकत अजमेरी
Lyrics By: शकील आज़मी
Performed By: मोहम्मद इरफ़ान, पलक मुच्छल
लम्हाँ लम्हाँ मुझको
ये एहसास होने लगा है
दिल की ज़मीं पे
कोई प्यार बोने लगा है
इक उन्स दरमियाँ हैं
हालात इश्कियाँ है
जो लब ना कह सके वो
इस दिल ने कह दिया है
अजब है खुमारी, अजब है सुरूर
मुझे कुछ न कुछ तो हुआ है ज़ुरुर
सईयाँ रे सईयाँ रे
सईयाँ रे सईयाँ रे
सईयाँ रे सईयाँ रे
सईयाँ रे...
परिंदों से उड़ जाएँ आ हमसफ़र
के हमपे हुआ चाहतों का असर
फलक से भी आगे कहीं हम चलें
बना ले वहीं अपनी चाहत का घर
तेरे संग बह रहा है, मेरी रूह का शिकारा
जहाँ जन्नतें मेरी हैं, तू है वही किनारा
हाँ अजब है खुमारी, अजब है सुरूर
मुझे कुछ न कुछ तो हुआ है जरुर
सईयाँ रे, सईयाँ रे...
है ज़ाहिर भी तू, मेरे अंदर भी तू
मेरे ख्वाहिशों का समंदर भी तू
जुबाँ पे तेरी बस तेरी बात है
के दामन में अब तेरी सौगात है
मेरी हाथ की लकीरें, तेरे नाम से जुड़ी हैं
जब से मिला मुझे तू, मेरी नींद तक उड़ी है
अजब है खुमारी, अजब है सुरूर
मुझे कुछ न कुछ तो हुआ है जरुर
सईयाँ रे, सईयाँ रे...
Music By: लियाकत अजमेरी
Lyrics By: शकील आज़मी
Performed By: मोहम्मद इरफ़ान, पलक मुच्छल
लम्हाँ लम्हाँ मुझको
ये एहसास होने लगा है
दिल की ज़मीं पे
कोई प्यार बोने लगा है
इक उन्स दरमियाँ हैं
हालात इश्कियाँ है
जो लब ना कह सके वो
इस दिल ने कह दिया है
अजब है खुमारी, अजब है सुरूर
मुझे कुछ न कुछ तो हुआ है ज़ुरुर
सईयाँ रे सईयाँ रे
सईयाँ रे सईयाँ रे
सईयाँ रे सईयाँ रे
सईयाँ रे...
परिंदों से उड़ जाएँ आ हमसफ़र
के हमपे हुआ चाहतों का असर
फलक से भी आगे कहीं हम चलें
बना ले वहीं अपनी चाहत का घर
तेरे संग बह रहा है, मेरी रूह का शिकारा
जहाँ जन्नतें मेरी हैं, तू है वही किनारा
हाँ अजब है खुमारी, अजब है सुरूर
मुझे कुछ न कुछ तो हुआ है जरुर
सईयाँ रे, सईयाँ रे...
है ज़ाहिर भी तू, मेरे अंदर भी तू
मेरे ख्वाहिशों का समंदर भी तू
जुबाँ पे तेरी बस तेरी बात है
के दामन में अब तेरी सौगात है
मेरी हाथ की लकीरें, तेरे नाम से जुड़ी हैं
जब से मिला मुझे तू, मेरी नींद तक उड़ी है
अजब है खुमारी, अजब है सुरूर
मुझे कुछ न कुछ तो हुआ है जरुर
सईयाँ रे, सईयाँ रे...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...