Movie/Album: मधुमती (1958)
Music By: सलिल चौधरी
Lyrics By: शैलेंद्र
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
टूटे हुए ख्वाबों ने, हमको ये सिखाया है
दिल ने जिसे पाया था, आँखों ने गँवाया है
टूटे हुए ख्वाबों ने...
हम ढूँढते हैं उनको, जो मिल के नहीं मिलते
रुठे हैं न जाने क्यूँ, मेहमाँ वो मेरे दिल के
क्या अपनी तमन्ना थी, क्या सामने आया है
दिल ने जिसे पाया थ...
लौट आई सदा मेरी, टकरा के सितारों से
उजड़ी हुई दुनिया के, सुनसान किनारों से
पर अब ये तड़पना भी, कुछ काम न आया है
दिल ने जिसे पाया था...
Music By: सलिल चौधरी
Lyrics By: शैलेंद्र
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
टूटे हुए ख्वाबों ने, हमको ये सिखाया है
दिल ने जिसे पाया था, आँखों ने गँवाया है
टूटे हुए ख्वाबों ने...
हम ढूँढते हैं उनको, जो मिल के नहीं मिलते
रुठे हैं न जाने क्यूँ, मेहमाँ वो मेरे दिल के
क्या अपनी तमन्ना थी, क्या सामने आया है
दिल ने जिसे पाया थ...
लौट आई सदा मेरी, टकरा के सितारों से
उजड़ी हुई दुनिया के, सुनसान किनारों से
पर अब ये तड़पना भी, कुछ काम न आया है
दिल ने जिसे पाया था...
After almost 50 years I sang this beautiful song
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