Movie/Album: साधना (1958)
Music By: एन.दत्ता
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: गीता दत्त
तोरा मनवा क्यूँ घबराये रे
लाख दिन दुखियारे सारे
जग में मुक्ति पाएँ
हे राम जी के द्वार से
तोरा मनवा क्यूँ घबराए...
बंद हुआ ये द्वार कभी ना, जुग कितने ही बीते
सब द्वारों पर हारने वाले, इस द्वारे पर जीते
लाखों पतित, लाखों पछताये
पावन होकर आये रे
राम जी के द्वार पे
तोरा मनवा क्यूँ घबराए...
हम मूरख जो काज बिगाड़े, राम वो काज सँवारे
हो महानन्दा हो के अहिल्या, सबको पार उतारे
जो कंकर चरणों को छू ले
वो हीरा हो जाये रे
राम जी के द्वार पे
तोरा मनवा क्यूँ घबराए...
ना पूछे वो जात किसी की, ना गुण अवगुण जाँचे
वही भगत भगवान को प्यारा, जो हर बाणी बाँचे
जो कोई श्रद्धा (शरधा) ले कर आये
झोली भरकर जाये रे
राम जी के द्वार पे
तोरा मनवा क्यूँ घबराए...
Music By: एन.दत्ता
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: गीता दत्त
तोरा मनवा क्यूँ घबराये रे
लाख दिन दुखियारे सारे
जग में मुक्ति पाएँ
हे राम जी के द्वार से
तोरा मनवा क्यूँ घबराए...
बंद हुआ ये द्वार कभी ना, जुग कितने ही बीते
सब द्वारों पर हारने वाले, इस द्वारे पर जीते
लाखों पतित, लाखों पछताये
पावन होकर आये रे
राम जी के द्वार पे
तोरा मनवा क्यूँ घबराए...
हम मूरख जो काज बिगाड़े, राम वो काज सँवारे
हो महानन्दा हो के अहिल्या, सबको पार उतारे
जो कंकर चरणों को छू ले
वो हीरा हो जाये रे
राम जी के द्वार पे
तोरा मनवा क्यूँ घबराए...
ना पूछे वो जात किसी की, ना गुण अवगुण जाँचे
वही भगत भगवान को प्यारा, जो हर बाणी बाँचे
जो कोई श्रद्धा (शरधा) ले कर आये
झोली भरकर जाये रे
राम जी के द्वार पे
तोरा मनवा क्यूँ घबराए...
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