Movie/Album: अजनबी (2001)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: समीर
Performed By: कुमार सानू, सुनिधि चौहान
ना चाँद का, ना तारों का
ना फूलों का, ना बहारों का
ना नज़ारों का, ना इशारों का
ना अपनों का, ना बेगानों का
मेरी ज़िन्दगी में अजनबी का इंतज़ार है
मैं क्या करूँ, अजनबी से मुझे प्यार है
वो अजनबी जाना पहचाना
सपनों में उसका है आना जाना
आ अजनबी, तेरे लिए दिल ये मेरा बेक़रार है
मेरी ज़िन्दगी में...
खुशबू की गली में इन हवाओं में देखा
मैंने चेहरा उसका दिलकश फिज़ाओं में देखा
ओ बेख्याल करता है, वो बड़ा दीवाना है
इन लबों का प्यासा है, दिल का आशिकाना है
वो अजनबी जाना पहचाना...
अब तो उसके लिए ही रात भर जागती हूँ
आये घड़ियाँ मिलन की ये दुआ मांगती हूँ
हो जानेमन मोहब्बत में फासला ज़रूरी है
धड़कनें ये कहती हैं, चार दिन की दूरी है
वो अजनबी जाना-पहचाना...
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: समीर
Performed By: कुमार सानू, सुनिधि चौहान
ना चाँद का, ना तारों का
ना फूलों का, ना बहारों का
ना नज़ारों का, ना इशारों का
ना अपनों का, ना बेगानों का
मेरी ज़िन्दगी में अजनबी का इंतज़ार है
मैं क्या करूँ, अजनबी से मुझे प्यार है
वो अजनबी जाना पहचाना
सपनों में उसका है आना जाना
आ अजनबी, तेरे लिए दिल ये मेरा बेक़रार है
मेरी ज़िन्दगी में...
खुशबू की गली में इन हवाओं में देखा
मैंने चेहरा उसका दिलकश फिज़ाओं में देखा
ओ बेख्याल करता है, वो बड़ा दीवाना है
इन लबों का प्यासा है, दिल का आशिकाना है
वो अजनबी जाना पहचाना...
अब तो उसके लिए ही रात भर जागती हूँ
आये घड़ियाँ मिलन की ये दुआ मांगती हूँ
हो जानेमन मोहब्बत में फासला ज़रूरी है
धड़कनें ये कहती हैं, चार दिन की दूरी है
वो अजनबी जाना-पहचाना...
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