Movie/Album: फन्ने खाँ (2018)
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: इरशाद कामिल
Performed By: अमित त्रिवेदी
खुदा तुम्हें, परणाम है सादर
पर तूने दी, बस एक ही चादर
क्या ओढ़ें क्या बिछाएँगे
मेरे अच्छे दिन कब आएँगे
मेरे अच्छे दिन कब आएँगे
दो रोटी, और एक लंगोटी
एक लंगोटी, और वो भी छोटी
इसमें क्या बदन छुपाएँगे
मेरे अच्छे दिन...
मैं खाली खाली था, मैं खाली खाली हूँ
मैं खाली खाली खोया, खोया सा
मेरे अच्छे दिन...
हो, गीत नहीं ये मेरा दर्द है, दर्द है
कैसे ये रोज़ाना ही गाता जाऊँ मैं
खाली खाली जेबों में ख्वाब है, ख्वाब है
पूरे जो होते नहीं
वक़्त हुआ, नाख़ून के जैसा
बेदर्दी से, जिसको मैं काटूँ
रोज़ ज़रूरत, और ख्वाहिश के
बीच में खुद को, कैसे मैं बाटूँ
मेरे टुकड़े हो जाएँगे
मेरे अच्छे दिन...
मैं खाली खाली था...
अच्छे दिन अच्छे दिन
ना जाने ये कब आएँगे
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: इरशाद कामिल
Performed By: अमित त्रिवेदी
खुदा तुम्हें, परणाम है सादर
पर तूने दी, बस एक ही चादर
क्या ओढ़ें क्या बिछाएँगे
मेरे अच्छे दिन कब आएँगे
मेरे अच्छे दिन कब आएँगे
दो रोटी, और एक लंगोटी
एक लंगोटी, और वो भी छोटी
इसमें क्या बदन छुपाएँगे
मेरे अच्छे दिन...
मैं खाली खाली था, मैं खाली खाली हूँ
मैं खाली खाली खोया, खोया सा
मेरे अच्छे दिन...
हो, गीत नहीं ये मेरा दर्द है, दर्द है
कैसे ये रोज़ाना ही गाता जाऊँ मैं
खाली खाली जेबों में ख्वाब है, ख्वाब है
पूरे जो होते नहीं
वक़्त हुआ, नाख़ून के जैसा
बेदर्दी से, जिसको मैं काटूँ
रोज़ ज़रूरत, और ख्वाहिश के
बीच में खुद को, कैसे मैं बाटूँ
मेरे टुकड़े हो जाएँगे
मेरे अच्छे दिन...
मैं खाली खाली था...
अच्छे दिन अच्छे दिन
ना जाने ये कब आएँगे
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