Movie/Album: फन्ने खाँ (2018)
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: इरशाद कामिल
Performed By: सुनिधि चौहान, दिव्या कुमार
मैं देखूँ, जो तुझको, तो प्यास बढ़े
तू रोज़, तू रोज़, दो घूँट चढ़े
मुझसे, तू ना मुझसे, कभी बिछड़े
तू रोज़, तू रोज़, दो घूँट चढ़े
ये जो हल्का हल्का सूरूर है
ये जो पहला पहला सूरूर है
मेरा इश्क मेरा फ़ितूर है
तेरा इश्क है या फ़ितूर है
मैंने ख़ुद को तुझपे लुटा दिया
तेरा हो के खुद को मिटा दिया
ये जो हल्का हल्का सूरूर है
ये जो पहला पहला सूरूर है
तेरे हुस्न को ये ग़ुरूर है
मेरे हुस्न का ये क़ुसूर है
मैंने खुद को तुझपे...
तू हर, एक पहलू सी ख़ास लगे
तू पास है आज तो प्यास लगे
महकी सी तू कोई मिठास लगे
तू पास है आज तो प्यास लगे
ये जो हल्का हल्का...
तेरी चाह में तेरी राह में
तेरी बहकी बहकी निगाह में
मैंने खुद को तुझपे लुटा दिया
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: इरशाद कामिल
Performed By: सुनिधि चौहान, दिव्या कुमार
मैं देखूँ, जो तुझको, तो प्यास बढ़े
तू रोज़, तू रोज़, दो घूँट चढ़े
मुझसे, तू ना मुझसे, कभी बिछड़े
तू रोज़, तू रोज़, दो घूँट चढ़े
ये जो हल्का हल्का सूरूर है
ये जो पहला पहला सूरूर है
मेरा इश्क मेरा फ़ितूर है
तेरा इश्क है या फ़ितूर है
मैंने ख़ुद को तुझपे लुटा दिया
तेरा हो के खुद को मिटा दिया
ये जो हल्का हल्का सूरूर है
ये जो पहला पहला सूरूर है
तेरे हुस्न को ये ग़ुरूर है
मेरे हुस्न का ये क़ुसूर है
मैंने खुद को तुझपे...
तू हर, एक पहलू सी ख़ास लगे
तू पास है आज तो प्यास लगे
महकी सी तू कोई मिठास लगे
तू पास है आज तो प्यास लगे
ये जो हल्का हल्का...
तेरी चाह में तेरी राह में
तेरी बहकी बहकी निगाह में
मैंने खुद को तुझपे लुटा दिया
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