बेताब दिल की - Betaab Dil Ki (Lata Mangeshkar, Hanste Zakhm)

Movie/Album: हँसते ज़ख्म (1973)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: कैफ़ी आज़मी
Performed By: लता मंगेशकर

बेताब दिल की तमन्ना यही है
तुम्हें चाहेंगे, तुम्हें पूजेंगे
तुम्हें अपना ख़ुदा बनाएँगे
बेताब दिल की तमन्ना यही है

सूने सूने ख़्वाबों में
जब तक तुम ना आए थे
ख़ुशियाँ थी सब औरों की
ग़म भी सारे पराये थे
अपने से भी छुपाई थी
धड़कन अपने सीनेे की
हमको जीना पड़ता था
ख़्वाहिश कब थी जीने की?
अब जो आ के तुमने
हमें जीना सिखा दिया है
चलो, दुनिया नई बसाएँगे
बेताब दिल की तमन्ना यही है

भीगी-भीगी पलकों पर
सपने कितने सजाये हैं
दिल में जितना अंधेरा था
उतनेे उजाले आए हैं
तुम भी हमको जगाना ना
बाँहों में जो सो जाए
जैसे ख़ुश्बू फूलों में
तुममें यूँ ही खो जाए
पल भर किसी जनम में
कभी छुटे ना साथ अपना
तुम्हे ऐसे गले लगाएँगे
बेताब दिल की तमन्ना यही है

वादे भी हैं, क़समें भी
बीता वक़्त इशारों का
कैसे कैसे अरमाँ है
मेला जैसे बहारों का
सारा गुलशन दे डाला
कलियाँ और खिलाओ ना
हँसते-हँसते रो दें हम
इतना भी तो हँसाओ ना
दिल में तुम ही बसे हो
रहा आँचल, वो भर चुका है
कहाँ इतनी ख़ुशी छुपाएँगे
बेताब दिल की तमन्ना यही है

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