Movie/Album: हमसे है मुक़ाबला (1994)
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: पी.के.मिश्रा
Performed By: ए.आर.रहमान, नोएल जेम्स, शंकर महादेवन
मरहबा मरहबा
उर्वशी, उर्वशी, टेक इट ईज़ी उर्वशी
उंगली जैसी दुबली को नहीं चाहिए फार्मसी
उर्वशी, उर्वशी...
जीत का मंत्र है, टेक इट ईज़ी पॉलिसी
चार दिन की चांदनी, ये जवानी फ़ैंटसी
उर्वशी, उर्वशी...
जानती हो, हिंदी में, प्यार के कितने अक्षर
बोल दो मेरी ख़ातिर, प्यार के दो ही अक्षर
जीत का मंत्र...
चित्रहार में बिजली उड़ गई, टेक इट ईज़ी पॉलिसी
पढ़ने पर भी फेल हो गए, टेक इट ईज़ी पॉलिसी
बाप ने बोला, अम्मा का दुश्मन, टेक इट ईज़ी पॉलिसी
पाप करे और गंगा नहाये, टेक इट ईज़ी पॉलिसी
उर्वशी, उर्वशी, टेक इट ईज़ी उर्वशी
जानती हो, इतना तो, बदन में लाखों नाड़ी
बता दो मुझ को इतना, कहाँ है प्यार की नाड़ी
जीत का मंत्र...
नज़र के मिल जाने से ही, शील तो भंग नहीं होता
बिल्लियाँ ना शाकाहारी, हर कोई राम नहीं होता
भलाई कभी औरतों की, क्रांति के बिना नहीं होगी
ज़माना बदल गया प्यारे, पुरानी बात नहीं होगी
फ़िलम देखने वो नहीं आई, टेक इट ईज़ी पॉलिसी
बगल सीट पर बुड्ढी हो तो, टेक इट ईज़ी पॉलिसी
संडे को भी छुट्टी न हो, टेक इट ईज़ी पॉलिसी
प्यार करे और नोट भी मांगे, टेक इट ईज़ी पॉलिसी
उर्वशी, उर्वशी...
अगर लड़की को अंधेरे में, आँख मारी तो होगा क्या
अगर आज़ादी न हो तो, स्वर्ग मिलने से होगा क्या
क्लास में फिगर नहीं हो तो, वहाँ पढ़ने से होगा क्या
बीस की उमर का जो है खेल, साठ में खेल के होगा क्या
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: पी.के.मिश्रा
Performed By: ए.आर.रहमान, नोएल जेम्स, शंकर महादेवन
मरहबा मरहबा
उर्वशी, उर्वशी, टेक इट ईज़ी उर्वशी
उंगली जैसी दुबली को नहीं चाहिए फार्मसी
उर्वशी, उर्वशी...
जीत का मंत्र है, टेक इट ईज़ी पॉलिसी
चार दिन की चांदनी, ये जवानी फ़ैंटसी
उर्वशी, उर्वशी...
जानती हो, हिंदी में, प्यार के कितने अक्षर
बोल दो मेरी ख़ातिर, प्यार के दो ही अक्षर
जीत का मंत्र...
चित्रहार में बिजली उड़ गई, टेक इट ईज़ी पॉलिसी
पढ़ने पर भी फेल हो गए, टेक इट ईज़ी पॉलिसी
बाप ने बोला, अम्मा का दुश्मन, टेक इट ईज़ी पॉलिसी
पाप करे और गंगा नहाये, टेक इट ईज़ी पॉलिसी
उर्वशी, उर्वशी, टेक इट ईज़ी उर्वशी
जानती हो, इतना तो, बदन में लाखों नाड़ी
बता दो मुझ को इतना, कहाँ है प्यार की नाड़ी
जीत का मंत्र...
नज़र के मिल जाने से ही, शील तो भंग नहीं होता
बिल्लियाँ ना शाकाहारी, हर कोई राम नहीं होता
भलाई कभी औरतों की, क्रांति के बिना नहीं होगी
ज़माना बदल गया प्यारे, पुरानी बात नहीं होगी
फ़िलम देखने वो नहीं आई, टेक इट ईज़ी पॉलिसी
बगल सीट पर बुड्ढी हो तो, टेक इट ईज़ी पॉलिसी
संडे को भी छुट्टी न हो, टेक इट ईज़ी पॉलिसी
प्यार करे और नोट भी मांगे, टेक इट ईज़ी पॉलिसी
उर्वशी, उर्वशी...
अगर लड़की को अंधेरे में, आँख मारी तो होगा क्या
अगर आज़ादी न हो तो, स्वर्ग मिलने से होगा क्या
क्लास में फिगर नहीं हो तो, वहाँ पढ़ने से होगा क्या
बीस की उमर का जो है खेल, साठ में खेल के होगा क्या
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