Movie/Album: संगीत सम्राट तानसेन (1962)
Music By: एस.एन.त्रिपाठी
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: मुकेश
झुमती चली हवा, याद आ गया कोई
बुझती-बुझती आग को, फिर जला गया कोई
झुमती चली हवा...
खो गयी हैं मंज़िलें, मिट गये हैं रास्ते
गर्दिशें ही गर्दिशें, अब हैं मेरे वास्ते
अब हैं मेरे वास्ते
और ऐसे में मुझे, फिर बुला गया कोई
झुमती चली हवा
एक हूक सी उठी, मैं सिहर के रह गया
दिल को अपने थाम के, आह भर के रह गया
आह भर के रह गया
चांदनी की ओट से, मुस्कुरा गया कोई
झुमती चली हवा...
चुप हैं चाँद चाँदनी, चुप ये आसमान हैं
मीठी-मीठी नींद में, सो रहा जहान हैं
आज आधी रात को क्यों जगा गया कोई
झुमती चली हवा...
Music By: एस.एन.त्रिपाठी
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: मुकेश
झुमती चली हवा, याद आ गया कोई
बुझती-बुझती आग को, फिर जला गया कोई
झुमती चली हवा...
खो गयी हैं मंज़िलें, मिट गये हैं रास्ते
गर्दिशें ही गर्दिशें, अब हैं मेरे वास्ते
अब हैं मेरे वास्ते
और ऐसे में मुझे, फिर बुला गया कोई
झुमती चली हवा
एक हूक सी उठी, मैं सिहर के रह गया
दिल को अपने थाम के, आह भर के रह गया
आह भर के रह गया
चांदनी की ओट से, मुस्कुरा गया कोई
झुमती चली हवा...
चुप हैं चाँद चाँदनी, चुप ये आसमान हैं
मीठी-मीठी नींद में, सो रहा जहान हैं
आज आधी रात को क्यों जगा गया कोई
झुमती चली हवा...
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