Movie/Album: सोने की चिड़िया (1958)
Music By: ओ.पी.नैय्यर
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले
रात भर का है मेहमाँ अँधेरा
किस के रोके रुका है सवेरा
रात भर का है...
आ कोई मिल के तदबीर सोचें
सुख के सपनों की ताबीर सोचें
जो तेरा है वो ही ग़म है मेरा
किस के रोके रुका है सवेरा
रात भर का है...
रात जितनी भी संगीन होगी
सुबह उतनी ही रंगीन होगी
ग़म न कर गर है बादल घनेरा
किस के रोके रुका है सवेरा
रात भर का है...
Music By: ओ.पी.नैय्यर
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले
रात भर का है मेहमाँ अँधेरा
किस के रोके रुका है सवेरा
रात भर का है...
आ कोई मिल के तदबीर सोचें
सुख के सपनों की ताबीर सोचें
जो तेरा है वो ही ग़म है मेरा
किस के रोके रुका है सवेरा
रात भर का है...
रात जितनी भी संगीन होगी
सुबह उतनी ही रंगीन होगी
ग़म न कर गर है बादल घनेरा
किस के रोके रुका है सवेरा
रात भर का है...
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