Movie/Album: कलंक (2019)
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: अंतरा मित्रा, जावेद अली, तुषार जोशी
बिल्लोरी निगाहों से करे हैं सौ इशारे
खिड़की के नीचे नासपीटा सीटी मारे
इश्क में हुआ है थोड़ा अंधा थोड़ा बहरा
सैयां मेरा ऐरा गैरा नत्थू खैरा
फूल सा चेहरा ईरानी
और लहजा हिंदुस्तानी
झील सी तेरी आँखों में
एक हलचल है तूफानी
देख महफिल में आए हैं
जान की देने कुर्बानी
एक महबूबा की खातिर
आग को दो दिलबर जानी
जिनके दिल के इंजन तेरे
टेसन पे है ठहरा
हो जिनके दिल के इंजन तेरे
टेसन पे है ठहरा
समझे काहे ऐरा गैरा नत्थू खैरा
(समझे काहे ऐरा गैरा नत्थू खैरा)
रात ले के आई है
जश्नतारी आए हाए हाए
काम ग़लत करने की है
अपनी बारी आए हाए हाए
आज नाचे गाएँ
ज़रा इश्क विश्क फरमाएँ
और जान जलाने वाली भाड़ में जाए सारी
दुनिया दारी आए हाए हाए
हो दिल के आईने में झाँके सुंदरी का चेहरा
हो दिल के आईने में झाँके सुंदरी का चेहरा
इश्क में हुआ है थोड़ा अंधा थोड़ा बहरा
सैयां मेरा ऐरा गैरा नत्थू खैरा
सैयां मेरा ऐरा गैरा...
हो वक़्त का ये सितम है
तुम्हारे तो हम हैं
मगर हो अमानत किसी और की
बस मोहब्बत तुम्हारी है दौलत हमारी
मगर हो विरासत किसी और की
जिस दिन निकले जान हमारी
इक बार मिलने आना तुम ले के
इजाज़त किसी और की
ले के इजाज़त किसी और की
Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: अंतरा मित्रा, जावेद अली, तुषार जोशी
बिल्लोरी निगाहों से करे हैं सौ इशारे
खिड़की के नीचे नासपीटा सीटी मारे
इश्क में हुआ है थोड़ा अंधा थोड़ा बहरा
सैयां मेरा ऐरा गैरा नत्थू खैरा
फूल सा चेहरा ईरानी
और लहजा हिंदुस्तानी
झील सी तेरी आँखों में
एक हलचल है तूफानी
देख महफिल में आए हैं
जान की देने कुर्बानी
एक महबूबा की खातिर
आग को दो दिलबर जानी
जिनके दिल के इंजन तेरे
टेसन पे है ठहरा
हो जिनके दिल के इंजन तेरे
टेसन पे है ठहरा
समझे काहे ऐरा गैरा नत्थू खैरा
(समझे काहे ऐरा गैरा नत्थू खैरा)
रात ले के आई है
जश्नतारी आए हाए हाए
काम ग़लत करने की है
अपनी बारी आए हाए हाए
आज नाचे गाएँ
ज़रा इश्क विश्क फरमाएँ
और जान जलाने वाली भाड़ में जाए सारी
दुनिया दारी आए हाए हाए
हो दिल के आईने में झाँके सुंदरी का चेहरा
हो दिल के आईने में झाँके सुंदरी का चेहरा
इश्क में हुआ है थोड़ा अंधा थोड़ा बहरा
सैयां मेरा ऐरा गैरा नत्थू खैरा
सैयां मेरा ऐरा गैरा...
हो वक़्त का ये सितम है
तुम्हारे तो हम हैं
मगर हो अमानत किसी और की
बस मोहब्बत तुम्हारी है दौलत हमारी
मगर हो विरासत किसी और की
जिस दिन निकले जान हमारी
इक बार मिलने आना तुम ले के
इजाज़त किसी और की
ले के इजाज़त किसी और की
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...