Movie/Album: मिर्ज़ा ग़ालिब (1954)
Music By: ग़ुलाम मोहम्मद
Lyrics By: मिर्ज़ा ग़ालिब
Performed By: तलत महमूद, के.एल.सहगल, बेगम अख़्तर
तलत महमूद
फिर मुझे दीदा-ए-तर याद आया
दिल जिगर तिश्ना-ए-फ़रियाद आया
दम लिया था ना क़यामत ने हनूज़
फिर तेरा वक़्त-ए-सफ़र याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
ज़िन्दगी यूँ भी गुज़र ही जाती
क्यूँ तेरा राहगुज़र याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
फिर तेरे कूचे को जाता है ख़याल
दिल-ए-गुम-गश्ता मगर याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
के. एल. सेहगल
फिर मुझे दीदा-ए-तर याद आया
दिल जिगर तिश्ना-ए-फ़रियाद आया
दम लिया था न क़यामत ने हनूज़
फिर तेरा वक़्त-ए-सफ़र याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
कोई वीरानी-सी वीरानी है
दश्त को देख के घर याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
मैंने मजनूँ पे लड़कपन में "असद"
संग उठाया था, के सर याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
बेगम अख़्तर
फिर मुझे दीदा-ए-तर याद आया
दिल जिगर तिश्ना-ए-फ़रियाद आया
दम लिया था न क़यामत ने हनूज़
फिर तेरा वक़्त-ए-सफ़र याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
ज़िन्दगी यूँ भी गुज़र ही जाती
क्यूँ तेरा राहगुज़र याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
कोई वीरानी-सी वीरानी है
दश्त को देख के घर याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
हमने मजनूँ पे लड़कपन में "असद"
संग उठाया था, के सर याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
Music By: ग़ुलाम मोहम्मद
Lyrics By: मिर्ज़ा ग़ालिब
Performed By: तलत महमूद, के.एल.सहगल, बेगम अख़्तर
तलत महमूद
फिर मुझे दीदा-ए-तर याद आया
दिल जिगर तिश्ना-ए-फ़रियाद आया
दम लिया था ना क़यामत ने हनूज़
फिर तेरा वक़्त-ए-सफ़र याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
ज़िन्दगी यूँ भी गुज़र ही जाती
क्यूँ तेरा राहगुज़र याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
फिर तेरे कूचे को जाता है ख़याल
दिल-ए-गुम-गश्ता मगर याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
के. एल. सेहगल
फिर मुझे दीदा-ए-तर याद आया
दिल जिगर तिश्ना-ए-फ़रियाद आया
दम लिया था न क़यामत ने हनूज़
फिर तेरा वक़्त-ए-सफ़र याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
कोई वीरानी-सी वीरानी है
दश्त को देख के घर याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
मैंने मजनूँ पे लड़कपन में "असद"
संग उठाया था, के सर याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
बेगम अख़्तर
फिर मुझे दीदा-ए-तर याद आया
दिल जिगर तिश्ना-ए-फ़रियाद आया
दम लिया था न क़यामत ने हनूज़
फिर तेरा वक़्त-ए-सफ़र याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
ज़िन्दगी यूँ भी गुज़र ही जाती
क्यूँ तेरा राहगुज़र याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
कोई वीरानी-सी वीरानी है
दश्त को देख के घर याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
हमने मजनूँ पे लड़कपन में "असद"
संग उठाया था, के सर याद आया
फिर मुझे दीदा-ए-तर...
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