Movie/Album: बियॉण्ड टाइम (1987)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: राहत इंदौरी
Performed By: जगजीत सिंह
लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के सँभलते क्यूँ हैं
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूँ हैं
लोग हर मोड़ पे...
मैं न जुगनू हूँ, दीया हूँ न कोई तारा हूँ
रोशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यूँ हैं
लोग हर मोड़ पे...
नींद से मेरा त'आल्लुक़ ही नहीं बरसों से
ख़्वाब आ-आ के मेरी छत पे टहलते क्यूँ हैं
लोग हर मोड़ पे...
मोड़ होता है जवानी का, सँभलने के लिए
और सब लोग यहीं आ के फिसलते क्यूँ हैं
लोग हर मोड़ पे...
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: राहत इंदौरी
Performed By: जगजीत सिंह
लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के सँभलते क्यूँ हैं
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूँ हैं
लोग हर मोड़ पे...
मैं न जुगनू हूँ, दीया हूँ न कोई तारा हूँ
रोशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यूँ हैं
लोग हर मोड़ पे...
नींद से मेरा त'आल्लुक़ ही नहीं बरसों से
ख़्वाब आ-आ के मेरी छत पे टहलते क्यूँ हैं
लोग हर मोड़ पे...
मोड़ होता है जवानी का, सँभलने के लिए
और सब लोग यहीं आ के फिसलते क्यूँ हैं
लोग हर मोड़ पे...
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