Movie/Album: सुपर 30 (2019)
Music By: अजय-अतुल
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: विविध कलाकार
अपनी तकदीर जो
अपने हाथों लिखे
अपनी हस्ती बना सके
राजा या रंक हो
जग उसके संग हो
ज़्यादा जो अंक पा सके
नियम हो, नियम हो, नियम हो
जहां का नया ये नियम हो
बेड़ी अज्ञान की
पिघला के ज्ञान से
बंदी सपने छुड़ा सके
बंदी सपने छुड़ा सके
कुदरत ने एक सा
हक सबको है दिया
सब हक अपना कमा सकें
नियम हो, नियम हो...
कोई हुनर जिसमें हो
समय उसका ही बदलता है
ओ माटी नज़र आता हो
पिघलकर सोना उगलता है
क्या लेना ज़ात से
क्या लेना नाम से
पहचानें सबको उनके काम से
बोये दस्तूर ने, जितने मतभेद हैं
उनको जड़ से मिटा सकें
राजा या रंक हो...
Music By: अजय-अतुल
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: विविध कलाकार
अपनी तकदीर जो
अपने हाथों लिखे
अपनी हस्ती बना सके
राजा या रंक हो
जग उसके संग हो
ज़्यादा जो अंक पा सके
नियम हो, नियम हो, नियम हो
जहां का नया ये नियम हो
बेड़ी अज्ञान की
पिघला के ज्ञान से
बंदी सपने छुड़ा सके
बंदी सपने छुड़ा सके
कुदरत ने एक सा
हक सबको है दिया
सब हक अपना कमा सकें
नियम हो, नियम हो...
कोई हुनर जिसमें हो
समय उसका ही बदलता है
ओ माटी नज़र आता हो
पिघलकर सोना उगलता है
क्या लेना ज़ात से
क्या लेना नाम से
पहचानें सबको उनके काम से
बोये दस्तूर ने, जितने मतभेद हैं
उनको जड़ से मिटा सकें
राजा या रंक हो...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...