Movie/Album: मोतीचूर चकनाचूर (2019)
Music By: रामजी गुलाटी
Lyrics By: कुमार
Performed By: ज्योतिका टंगरी, रामजी गुलाटी
बत्तियाँ बुझा दो, थोड़ी सी पिला दो
अंधेरे में जो होगा, सुबह उसको भुला दो
बत्तियाँ बुझा दो (बत्तियाँ बुझा दो)
थोड़ी सी पिला दो (थोड़ी सी पिला दो)
अंधेरे में जो होगा (अंधेरे में जो होगा)
सुबह उसको भुला दो (सुबह उसको भुला दो)
आँखों से धीरे-धीरे, करें शुरुआत हम
फिर इन लबों पे, जगा लें जज़्बात हम
दूरियों से कह दो, कि पास ना आएँ
एक दूसरे में, गुज़ारें सारी रात हम
बत्तियाँ बुझा दो...
जितना नशा भरा है, मेरी अंगड़ाई में
आजा बरसाऊँ तुझपे, आज तन्हाई में
बाहें कहती हैं, बाहों से लिपट के
लम्हें बिता लूँ, खयालों की रजाई में
बत्तियाँ बुझा दो...
Music By: रामजी गुलाटी
Lyrics By: कुमार
Performed By: ज्योतिका टंगरी, रामजी गुलाटी
बत्तियाँ बुझा दो, थोड़ी सी पिला दो
अंधेरे में जो होगा, सुबह उसको भुला दो
बत्तियाँ बुझा दो (बत्तियाँ बुझा दो)
थोड़ी सी पिला दो (थोड़ी सी पिला दो)
अंधेरे में जो होगा (अंधेरे में जो होगा)
सुबह उसको भुला दो (सुबह उसको भुला दो)
आँखों से धीरे-धीरे, करें शुरुआत हम
फिर इन लबों पे, जगा लें जज़्बात हम
दूरियों से कह दो, कि पास ना आएँ
एक दूसरे में, गुज़ारें सारी रात हम
बत्तियाँ बुझा दो...
जितना नशा भरा है, मेरी अंगड़ाई में
आजा बरसाऊँ तुझपे, आज तन्हाई में
बाहें कहती हैं, बाहों से लिपट के
लम्हें बिता लूँ, खयालों की रजाई में
बत्तियाँ बुझा दो...
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