Music By: संदेश शांडिल्य
Lyrics By: इरशाद कामिल
Performed By: आदिल खान
उम्र गुज़री भी नहीं
और कुछ गुज़र भी गयी
वक़्त ठहरा भी नहीं
और कुछ ठहर भी गया
आज भी ख़्वाब देखता हूँ मैं
आज भी ख़्वाब सब तुम्हारे
आज भी तुम पे है नज़र मेरी
आज भी तुमसे ही नज़ारे हैं
ज़िंदगी मिल भी गयी
और कुछ मुकर भी गयी
उम्र गुज़री भी नहीं...
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