Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: कौसर मुनीर
Performed By: अरमान मलिक, पलक मुछाल
जिस पल से देखा है तुझको
मन ये पगल गया रे
पीछे-पीछे देखो
तेरे हद से निकल गया रे
हो जिस पल से देखा है तुझको...
तू जहाँ वहाँ ले के जाए
ये राहें मोरी
कि तुझ संग बाँधी
कि तुझ संग बाँधी
कि तुझ संग बाँधी
ये मन की डोरी
कि तुझ संग बाँधी
ये मन की डोरी
कि तुझ संग बाँधी
ये मन की डोरी
रे रे रे
तुझ संग बाँधी
ये मन की डोरी
हो दाँतों से काटे
हाथों से खींचे
डोर ये तेरी मेरी
तोड़े ना टूटे
हो धूप के दिन हो या
सर्दी की रातें
डोर ये तेरी मेरी
छोड़े ना छूटे
तू जहाँ वहाँ ले के जाए...
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