Music By: अंकित तिवारी
Lyrics By: शब्बीर अहमद
Performed By: अंकित तिवारी, लीना बोस
दो दिल सफ़र में निकल पड़े
जाना कहाँ क्यूँ फ़िकर करे
कहाँ ठिकाना हो रात का
सुबह कहाँ पे बसर करे
खोया खोया दिल मेरा कहता है
हाँ तुम से ही बस तुम से ही
मेरी जान है बस तुम से ही
दिल को मेरे आराम है
परेशान है बस तुम से ही
जो दर्द को सुकून दे
वो दर्द तुम से मिलता है
ऐ दिल ज़रा इतना बता
क्यूँ इश्क़ उन से होता है
साँसों को अब जीने का
जैसे सहारा मिल गया
खोया खोया दिल मेरा कहता है
तुम से ही बस तुम से ही...
आशिक़ी होती है क्या
दिल को मेरे मालूम न था
एक भी तेरी तरह
चेहरा कोई मासूम न था
हो यूँ लगा इस जान में
इक जान से दो खिल गए
अब तो हर लम्हा मुझसे कहता है
हाँ हाँ तुम से ही बस तुम से ही...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...