Music By: जॉली मुखर्जी
Lyrics By: इसरार अंसारी
Performed By: हरिहरन
लफ़्ज़ों की तरह मुझसे किताबों में मिला कर
दुनिया का तुझे डर है तो ख़्वाबों में मिला कर
लफ़्ज़ों की तरह...
फूलों से तो ख़ुशबू का ताल्लुक है ज़रूरी
तू मुझसे महक बन के गुलाबों में मिला कर
दुनिया का तुझे...
सागर को मैं छू कर तुझे महसूस करूॅंगा
मस्ती की तरह मुझसे शराबों में मिला कर
दुनिया का तुझे...
मैं भी हूँ बशर मुझको बहकने का भी डर है
इस वास्ते तू मुझसे हिजाबों में मिला कर
दुनिया का तुझे...
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