Music By: जॉली मुखर्जी
Lyrics By: क़ैसर उल जाफ़री
Performed By: हरिहरन
दो रोज़ में सलाम-ओ-दुआ भूल जाओगे
तुम घर पहुँच के मेरा पता भूल जाओगे
दो रोज़ में...
क्या दे रहे हो याद न आने की धमकियाँ
कुछ याद ही नहीं है तो क्या भूल जाओगे
तुम घर पहुँच के...
जिस दिन मेरा लहू भी दुकानों में सज गया
तुम कारोबार-ए-रंग-ए-हिना भूल जाओगे
तुम घर पहुँच के...
बच्चे बने रहो कि जहाॅं तुम जवाॅं हुए
मिट्टी में खेलने का मज़ा भूल जाओगे
तुम घर पहुँच के...
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