Music By: शंकर-एहसान -लॉय
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: मोहित चौहान, ऐलिसा मेंडोंसा
उड़े, खुले आसमाँ में ख़्वाबों के परिन्दे
उड़े, दिल के जहां में ख़्वाबों के परिन्दे
ओहो, क्या पता जाएँगे कहाँ
खुले हैं जो पल, कहे ये नज़र
लगता है अब है जागे हम
फिक्रें जो थी, पीछे रह गईं
निकले उनसे आगे हम
हवा में बह रही है ज़िन्दगी
ये हम से कह रही है ज़िन्दगी
ओ हो अब तो
जो भी हो सो हो
उड़े खुले आसमाँ...
किसी ने छुआ तो ये हुआ
फिरते हैं महके-महके हम
हुई है कहीं बातें नयी
जब हैं ऐसे बहके हम
हुआ है यूँ के दिल पिघल गए
बस एक पल में हम बदल गए
ओ हो अब तो
जो भी हो सो हो
रौशनी मिली
अब राहों में है इक दिलकशी सी बरसी
हर ख़ुशी मिली
अब ज़िन्दगी पे है ज़िन्दगी सी बरसी
अब जीना हम ने सीखा है
याद है कल, आया था वो पल
जिस में जादू ऐसा था
हम हो गए जैसे नए
वो पल जाने कैसा था
कहे ये दिल के जा उधर भी तू
जहाँ भी ले के जाए आरज़ू
ओ हो अब तो
जो भी हो सो हो
उड़े...
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