Music By: एम.एम. कीरावानी
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: हरिहरन, बेला शेंडे
खाली है तेरे बिना दोनों ॲंखियाॅं
तुम गए कहाॅं
ॲंखियों के आलों में
तेरे बिना रात भर
जलती है बातियाॅं, यहाॅं
खाली है तेरे बिना...
डूबता है दिन तो शाम को
साए उड़ते हैं तेरी यादें लिए
लाख दिन हुए हैं के रात को
आधे चाॅंद से तेरी बातें किए
याद है क्या तुझे राह की बेरियाँ, वहाॅं
ख़ाली है तेरे बिना...
एक-एक बात याद है
आधी रात के पूरे चाॅंद को
जागते हुए भी हूॅं ख़्वाब में
चेहरा एक है लेती हूॅं नाम दो
रेत के टीलों की सुनती हूॅं बोलियाँ, यहाॅं
ख़ाली है तेरे बिना...
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