अहद-ए-मस्ती है - Ahad-e-Masti Hai (Hariharan, Ghazal)

Movie/Album: ग़ज़ल (1989)
Music By: जॉली मुखर्जी
Lyrics By: अदम
Performed By: हरिहरन

अहद-ए-मस्ती है लोग कहते हैं
मय-परस्ती है लोग कहते हैं
अहद-ए-मस्ती है...

ग़म-ए-हस्ती खरीदने वालों
मौत सस्ती है लोग कहते हैं
मय-परस्ती है...

शायद इक बार उजड़ के ना बसे
दिल की बस्ती है लोग कहते हैं
मय-परस्ती है...

हम जहाँ जी रहे हैं मर-मर कर
बज़्म-ए-हस्ती है लोग कहते हैं
मय-परस्ती है...

क्या करें महवशों से प्यार 'अदम'
बुत-परस्ती है लोग कहते हैं
मय-परस्ती है...

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