Music By: हरिहरन
Lyrics By: बशीर बद्र
Performed By: हरिहरन
मेरे दिल की राख कुरेद मत, उसे मुस्कुरा के हवा न दे
ये चराग़ फिर भी चराग़ है, कहीं तेरा हाथ जला न दे
मेरे दिल की राख...
नए दौर के नए ख्वाब हैं, नए मौसमों के गुलाब हैं
ये मोहब्बतों के चराग़ हैं, इन्हें नफ़रतों की हवा न दे
मेरे दिल की राख...
ज़रा देख चाँद की पत्तियों ने बिखर-बिखर के तमाम शब
तेरा नाम लिखा है रेत पर, कोई लहर आ के मिटा न दे
मेरे दिल की राख...
मैं ग़ज़ल की शबनमी आँख से, ये दुखों के फूल चुना करूँ
मेरी सल्तनत मेरा फ़न रहे, मुझे ताज-ओ-तख़्त ख़ुदा न दे
मेरे दिल की राख...
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