Movie/ Album: द्रोही (1992)
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: जावेद अख़्तर
Performed By: सुरेश वाडकर
तुम जो मिले तो लगा है, जैसे मिली ज़िन्दगी
जाती कहाँ है ये राहें, जिनपे चली ज़िन्दगी
तुम जो मिले तो...
इतना मुझको कब था पता, ऐसा भी इक गाँव है
रस्ता तकती मेरा जहां, इन पलकों की छाँव है
हो मेरी तो थी धूप में ही, अब तक पली ज़िन्दगी
तुम जो मिले तो...
तुमको पा के ऐसा लगा, जितने थे ग़म खो गए
सदियों से हम पत्थर के थे, अब मोम के हो गए
कितने हसीं रूप में है, देखो ढली ज़िन्दगी
तुम जो मिले तो...
जीने को जीते थे मगर, इतनी ख़बर थी किसे
दिल में ऐसी गलियाँ भी हैं, जिनमें हैं सपने बसे
हो सपने मिले तो खिली है, बन के कली ज़िन्दगी
तुम जो मिले तो...
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: जावेद अख़्तर
Performed By: सुरेश वाडकर
तुम जो मिले तो लगा है, जैसे मिली ज़िन्दगी
जाती कहाँ है ये राहें, जिनपे चली ज़िन्दगी
तुम जो मिले तो...
इतना मुझको कब था पता, ऐसा भी इक गाँव है
रस्ता तकती मेरा जहां, इन पलकों की छाँव है
हो मेरी तो थी धूप में ही, अब तक पली ज़िन्दगी
तुम जो मिले तो...
तुमको पा के ऐसा लगा, जितने थे ग़म खो गए
सदियों से हम पत्थर के थे, अब मोम के हो गए
कितने हसीं रूप में है, देखो ढली ज़िन्दगी
तुम जो मिले तो...
जीने को जीते थे मगर, इतनी ख़बर थी किसे
दिल में ऐसी गलियाँ भी हैं, जिनमें हैं सपने बसे
हो सपने मिले तो खिली है, बन के कली ज़िन्दगी
तुम जो मिले तो...
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