Movie/Album: चित्रलेखा (1964)
Music By: रोशन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले
छा गये बादल नील गगन पर
घुल गया कजरा सांझ ढले
देख के मेरा मन बेचैन
रैन से पहले हो गई रैन
आज हृदय के स्वप्न फले
घुल गया कजरा...
रूप की संगत और एकान्त
आज भटकता मन है शान्त
कह दो समय से थम के चले
घुल गया कजरा...
अंधियारों की चादर तान
एक होंगे दो व्याकुल प्राण
आज न कोई दीप जले
घुल गया कजरा...
Music By: रोशन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले
छा गये बादल नील गगन पर
घुल गया कजरा सांझ ढले
देख के मेरा मन बेचैन
रैन से पहले हो गई रैन
आज हृदय के स्वप्न फले
घुल गया कजरा...
रूप की संगत और एकान्त
आज भटकता मन है शान्त
कह दो समय से थम के चले
घुल गया कजरा...
अंधियारों की चादर तान
एक होंगे दो व्याकुल प्राण
आज न कोई दीप जले
घुल गया कजरा...
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