Movie/ Album: डैडी (1989)
Music By: राजेश रोशन
Lyrics By: सूरज सनीम
Performed By: तलत अज़ीज़, दिलराज कौर
कभी ख़्वाब में या ख़याल में
कभी ज़िंदगानी की धार पे
मैं अधूरा-सा एक गीत हूँ
मुझे अर्थ दे तू सँवार के
कभी ख़्वाब में...
वो बेनाम-सी कोई जुस्तजू
वो अपने आप से गुफ़्तगू
तुझे छू लिया तो मुझे लगा
दिन आ गए हैं क़रार के
कभी ख़्वाब में...
मेरे दिल की नगरी में बस भी जा
तुझे बख्श दूँ ज़मीं-आसमाँ
मुझे डर है तेरी आवारगी
कहीं दो जहां न उजाड़ दे
कभी ख़्वाब में...
न मिली थी तुम तो था जी रहा
न मिलोगी तो न जी पाऊँगा
मेरी तिश्नगी को जगा दिया
तेरे साथ ने, तेरे प्यार ने
कभी ख़्वाब में...
गो, आज पहली ये रात है
तेरे हाथ में मेरा हाथ है
था बहुत दिनों से ये फ़ैसला
तुझे जीत लूँगी मैं हार के
कभी ख़्वाब में...
Music By: राजेश रोशन
Lyrics By: सूरज सनीम
Performed By: तलत अज़ीज़, दिलराज कौर
कभी ख़्वाब में या ख़याल में
कभी ज़िंदगानी की धार पे
मैं अधूरा-सा एक गीत हूँ
मुझे अर्थ दे तू सँवार के
कभी ख़्वाब में...
वो बेनाम-सी कोई जुस्तजू
वो अपने आप से गुफ़्तगू
तुझे छू लिया तो मुझे लगा
दिन आ गए हैं क़रार के
कभी ख़्वाब में...
मेरे दिल की नगरी में बस भी जा
तुझे बख्श दूँ ज़मीं-आसमाँ
मुझे डर है तेरी आवारगी
कहीं दो जहां न उजाड़ दे
कभी ख़्वाब में...
न मिली थी तुम तो था जी रहा
न मिलोगी तो न जी पाऊँगा
मेरी तिश्नगी को जगा दिया
तेरे साथ ने, तेरे प्यार ने
कभी ख़्वाब में...
गो, आज पहली ये रात है
तेरे हाथ में मेरा हाथ है
था बहुत दिनों से ये फ़ैसला
तुझे जीत लूँगी मैं हार के
कभी ख़्वाब में...
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