Movie/Album: चित्रलेखा (1964)
Music By: रोशन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: लता मंगेशकर
सखी री मेरा मन उलझे तन डोले
अब चैन पड़े तब ही जब उनसे मिलन हो ले
सखी री मेरा मन...
लाख जतन करूँ ध्यान बँटे न
ये रसवन्ती रैन कटे न
पवन अगन सी घोले
अब चैन पड़े तब ही
जब उनसे मिलन हो ले
सखी री मेरा मन...
साँस भी लूँ तो आँच-सी आये
चंचल काया पिघली जाये
अधरों में तृष्णा बोले
अब चैन पड़े तब ही
जब उनसे मिलन हो ले
सखी री मेरा मन...
अलके बिखरे आँचल ढलके
अंग-अंग से मदिरा छलके
यौवन बाँहें खोले
अब चैन पड़े तब ही
जब उनसे मिलन हो ले
सखी री मेरा मन...
Music By: रोशन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: लता मंगेशकर
सखी री मेरा मन उलझे तन डोले
अब चैन पड़े तब ही जब उनसे मिलन हो ले
सखी री मेरा मन...
लाख जतन करूँ ध्यान बँटे न
ये रसवन्ती रैन कटे न
पवन अगन सी घोले
अब चैन पड़े तब ही
जब उनसे मिलन हो ले
सखी री मेरा मन...
साँस भी लूँ तो आँच-सी आये
चंचल काया पिघली जाये
अधरों में तृष्णा बोले
अब चैन पड़े तब ही
जब उनसे मिलन हो ले
सखी री मेरा मन...
अलके बिखरे आँचल ढलके
अंग-अंग से मदिरा छलके
यौवन बाँहें खोले
अब चैन पड़े तब ही
जब उनसे मिलन हो ले
सखी री मेरा मन...
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