Movie/Album: तुमसा नहीं देखा (1957)
Music By: ओ.पी.नय्यर
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले
आये हैं दूर से, मिलने हुज़ूर से
ऐसे भी चुप न रहिये
कहिये जी कुछ तो कहिये
दिन है कि रात है
तुमसे मेहमान का, मुझपे एहसान क्या
लाखों ही झुल्फे वाले
आते हैं घेरा डाले
मेरी क्या बात है
आये हैं दूर से...
उठ के तो देखिए कैसी फिज़ा है
शरमाना छोड़िये ये क्या अदा है
तौबा ये क्या फरमाया
मैं तो यूँ ही शरमाया
मेरी क्या बात है
आये हैं दूर से...
दिखती हैं रोज़ ही ऐसी फिजायें
मुखड़े के सामने काली घटायें
कोई चल जाये जादू
फिर हम पूछेगें बाबू
दिन है के रात है
तुमसे मेहमान का...
Music By: ओ.पी.नय्यर
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले
आये हैं दूर से, मिलने हुज़ूर से
ऐसे भी चुप न रहिये
कहिये जी कुछ तो कहिये
दिन है कि रात है
तुमसे मेहमान का, मुझपे एहसान क्या
लाखों ही झुल्फे वाले
आते हैं घेरा डाले
मेरी क्या बात है
आये हैं दूर से...
उठ के तो देखिए कैसी फिज़ा है
शरमाना छोड़िये ये क्या अदा है
तौबा ये क्या फरमाया
मैं तो यूँ ही शरमाया
मेरी क्या बात है
आये हैं दूर से...
दिखती हैं रोज़ ही ऐसी फिजायें
मुखड़े के सामने काली घटायें
कोई चल जाये जादू
फिर हम पूछेगें बाबू
दिन है के रात है
तुमसे मेहमान का...
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