Movie/ Album: सारांश (1984)
Music By: अजित वर्मन
Lyrics By: वसंत देव
Performed By: भूपिंदर सिंह
अँधियारा गहराया, सूनापन घिर आया
घबराया मन मेरा, चरणों में आया
क्यूँ हो तुम, यूँ गुमसुम
किरणों को आने दो
पत्थर की फाँकों से
करुणा को झरने दो
अँधियारा गहराया...
पत्तों-तिनकों का बना था घर मेरा
ढह गया, बह गया, अब कहाँ बसेरा
भीगा है मन पाखी, अंजुली में पलने दो
अँधियारा गहराया...
ये उदासी अगर छायी है मेरे लिए
पीर की राह भी है बनी मेरे लिए
सह लूँ मैं हर जलन, चन्दन वो बनने दो
अँधियारा गहराया...
Music By: अजित वर्मन
Lyrics By: वसंत देव
Performed By: भूपिंदर सिंह
अँधियारा गहराया, सूनापन घिर आया
घबराया मन मेरा, चरणों में आया
क्यूँ हो तुम, यूँ गुमसुम
किरणों को आने दो
पत्थर की फाँकों से
करुणा को झरने दो
अँधियारा गहराया...
पत्तों-तिनकों का बना था घर मेरा
ढह गया, बह गया, अब कहाँ बसेरा
भीगा है मन पाखी, अंजुली में पलने दो
अँधियारा गहराया...
ये उदासी अगर छायी है मेरे लिए
पीर की राह भी है बनी मेरे लिए
सह लूँ मैं हर जलन, चन्दन वो बनने दो
अँधियारा गहराया...
Very moving, heart touching. Brilliant singing, superlative performance.
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