अंतर मंतर जंतर - Antar Mantar Jantar (Usha Mangeshkar, Lata Mangeshkar, Raj Hath)

Movie/Album: राज हठ (1956)
Music By: शंकर-जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: उषा मंगेशकर, लता मंगेशकर

अंतर मंतर जंतर से मैदान लिया है मार
अंतर मंतर जंतर से...
हाथ में है तकदीर का नक्शा हो गया बेड़ा पार
अंतर मंतर जंतर से...

जब आया दरवाज़ा पहला हमने उसे धकेला
खुलते ही दरवाजा देखो उजियारों का मेला
रस्ते में इक बुर्जी देखी धोखा देने वाली
उस बुर्जी के पास गए तो सामने देखी जाली
अंतर मंतर जंतर से
छोड़ के बुर्जी बढ़ गए आगे हम भी थे होशियार
हाथ में है तकदीर का नक्शा हो गया बेड़ा पार
अंतर मंतर जंतर से...

जब दूजा दरवाज़ा आया उस पर देखा ताला
अकल पे चाबी लगाकर हमने मज़े से खोला ताला
फिर देखे चौबारे हमने जिन पर था अँधियारा
दूर कहीं पर खिड़की चमकी ज्यों बदली मैं तारा
अंतर मंतर जंतर से
आशाओं ने दीप जलाये हम भी हो गए पार
हाथ में है तकदीर का नक्शा हो गया बेड़ा पार
अंतर मंतर जंतर से...

गैरों के महलों में पहुँचे भेद चुराकर लाये
सब दरवाज़े चोर बने थे चोरों से टकराये
चक्कर ने सौ चक्कर डाले फिर भी ना घबराये
जैसे चलकर हम पहुँचे थे वैसे वापस आये
अंतर मंतर जंतर से
अपनी मंज़िल जीत के आये ना माने हम हार
हाथ में है तकदीर का नक्शा हो गया बेड़ा पार
अंतर मंतर जंतर से...

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