Movie/Album: ब्लड मनी (2012)
Music By: जीत गांगुली
Lyrics By: सईद क़ादरी
Performed By: मुस्तफ़ा ज़ाहिद
जो तेरे संग काटी रातें, जिए जो हसीं लम्हें
जो तेरे संग बाँटी बातें, बुने जो हसीं सपने
वो तो हैं अब भी वहीं, खड़े बन के सवाली
देखे हैं तेरा रस्ता, होठों पे ले के शिकवा
वो घर क्यूँ भूल गए, तोड़ गए, छोड़ गए
जन्नत जो था
जो तेरे संग काटी रातें...
माँगा जो, चाहा जो, देखा जो, मिला वो ही
कहा जो, सोचा जो, किया जो, हुआ वो ही
राहों में मुझको ख़ुशी, फूलों के जैसे मिली
होठों पे मेरे हँसी, कलियों के जैसे खिली
वो घर क्यूँ भूल गए...
मेरे ही इशारों पे चलें है वक़्त भी
मैं हूँ वो खिलाड़ी जिसने सबको मात दी
नहीं है मुझसा कोई, मैंने जो मिट्टी छुई
हाँ वो भी सोना हुई, जलता मुझसे हर कोई
वो घर क्यूँ भूल गए...
Music By: जीत गांगुली
Lyrics By: सईद क़ादरी
Performed By: मुस्तफ़ा ज़ाहिद
जो तेरे संग काटी रातें, जिए जो हसीं लम्हें
जो तेरे संग बाँटी बातें, बुने जो हसीं सपने
वो तो हैं अब भी वहीं, खड़े बन के सवाली
देखे हैं तेरा रस्ता, होठों पे ले के शिकवा
वो घर क्यूँ भूल गए, तोड़ गए, छोड़ गए
जन्नत जो था
जो तेरे संग काटी रातें...
माँगा जो, चाहा जो, देखा जो, मिला वो ही
कहा जो, सोचा जो, किया जो, हुआ वो ही
राहों में मुझको ख़ुशी, फूलों के जैसे मिली
होठों पे मेरे हँसी, कलियों के जैसे खिली
वो घर क्यूँ भूल गए...
मेरे ही इशारों पे चलें है वक़्त भी
मैं हूँ वो खिलाड़ी जिसने सबको मात दी
नहीं है मुझसा कोई, मैंने जो मिट्टी छुई
हाँ वो भी सोना हुई, जलता मुझसे हर कोई
वो घर क्यूँ भूल गए...
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