Movie/Album: मोक्ष (2001)
Music By: राजेश रोशन
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: कमाल खान, स्नेहा पंत
भँवरे जो गुनगुनाये, झोंके जो सनसनाये
क्यों जिस्म थरथराये, कोई बताये मुझको
हमको प्यार है, तो ये ख़ुमार है
हमको प्यार है, ओ महबूबा
सोने की अब ज़मीन है, नीलम का आसमाँ
पंछी सुना रहे हैं सुरीली कहानियाँ
डाली पे ओस में जो कली कोई धुल गयी
एक अजनबी-सी खुशबू है साँसों में घुल गयी
महकी हुई फ़िज़ा है, गाती हुई हवा है
सब क्या ये हो रहा है, कोई बताये मुझको
हमको प्यार है, तो ये बहार है
हमको प्यार है, ओ महबूबा
फूलों की चुनरी ओढ़े हुए है ये वादियाँ
लगता है जैसे आँखों में ख़्वाबों का है समां
इन वादियों में प्यार के राही जो आये हैं
पेड़ों ने अपने रेशमी साये बिछाए हैं
गूंजी है रागिनी-सी, दिन में है चांदनी-सी
कैसी है शांति-सी, कोई बताये मुझको
हमको प्यार है, तो ये निखार है
हमको प्यार है, ओ महबूबा
भँवरे जो गुनगुनाये...
Music By: राजेश रोशन
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: कमाल खान, स्नेहा पंत
भँवरे जो गुनगुनाये, झोंके जो सनसनाये
क्यों जिस्म थरथराये, कोई बताये मुझको
हमको प्यार है, तो ये ख़ुमार है
हमको प्यार है, ओ महबूबा
सोने की अब ज़मीन है, नीलम का आसमाँ
पंछी सुना रहे हैं सुरीली कहानियाँ
डाली पे ओस में जो कली कोई धुल गयी
एक अजनबी-सी खुशबू है साँसों में घुल गयी
महकी हुई फ़िज़ा है, गाती हुई हवा है
सब क्या ये हो रहा है, कोई बताये मुझको
हमको प्यार है, तो ये बहार है
हमको प्यार है, ओ महबूबा
फूलों की चुनरी ओढ़े हुए है ये वादियाँ
लगता है जैसे आँखों में ख़्वाबों का है समां
इन वादियों में प्यार के राही जो आये हैं
पेड़ों ने अपने रेशमी साये बिछाए हैं
गूंजी है रागिनी-सी, दिन में है चांदनी-सी
कैसी है शांति-सी, कोई बताये मुझको
हमको प्यार है, तो ये निखार है
हमको प्यार है, ओ महबूबा
भँवरे जो गुनगुनाये...
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