Movie/Album: अंधाधुन (2018)
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: जयदीप साहनी
Performed By: अमित त्रिवेदी, आयुष्मान खुराना
अरे अभी-अभी प्यारा सा चेहरा दिखा है
जाने क्या कहूँ उसपे क्या लिखा है
गहरा समंदर, दिल डूबा जिसमें
घायल हुआ मैं, उस पल से इसमें
नैणा दा क्या कसूर, वे कसूर वे कसूर
नैणा दा क्या कसूर, वे कसूर वे कसूर
नैणा दा क्या कसूर, वे कसूर वे कसूर
ऐ दिल तू बता रे
नैणा दा क्या कसूर...
दिल को हज़ारों, बाँधे थे धागे
पर पाजी निकला, ये हमसे आगे
हुआ क्या है
हुआ क्या है हमको, हाय
इत पल ये दौड़े, उत पल ये भागे
होनी हो जाये, तब नैना जागे
हुआ ये है
हुआ ये है समझो
दिल दिल के मिलते, साँचे और खाँचे
जो है बनाता, ऊपर से जा के
बत्ती है, ना है धूप, ना कफूर कफूर
नैणा दा क्या कसूर...
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: जयदीप साहनी
Performed By: अमित त्रिवेदी, आयुष्मान खुराना
अरे अभी-अभी प्यारा सा चेहरा दिखा है
जाने क्या कहूँ उसपे क्या लिखा है
गहरा समंदर, दिल डूबा जिसमें
घायल हुआ मैं, उस पल से इसमें
नैणा दा क्या कसूर, वे कसूर वे कसूर
नैणा दा क्या कसूर, वे कसूर वे कसूर
नैणा दा क्या कसूर, वे कसूर वे कसूर
ऐ दिल तू बता रे
नैणा दा क्या कसूर...
दिल को हज़ारों, बाँधे थे धागे
पर पाजी निकला, ये हमसे आगे
हुआ क्या है
हुआ क्या है हमको, हाय
इत पल ये दौड़े, उत पल ये भागे
होनी हो जाये, तब नैना जागे
हुआ ये है
हुआ ये है समझो
दिल दिल के मिलते, साँचे और खाँचे
जो है बनाता, ऊपर से जा के
बत्ती है, ना है धूप, ना कफूर कफूर
नैणा दा क्या कसूर...
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