Movie/Album: सूरमा (2018)
Music By: शंकर-एहसान-लॉय
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: शंकर महादेवन, एहसान नूरानी, दलेर मेहंदी, शहनाज़ अख्तर, हेमंत बृजवासी, साहिल अख्तर
अवाजा मार मुकद्दर नू
पूरे ज़ोर दे नाल
हो दो दिन घट्ट जीणा
पर जीणा तौर दे नाल
लड़ जा काके, कल तेरा है
जीने का ये, पल तेरा है
कर जा जो भी, कर जाणा है
आने वाला, पल तेरा है
हाथ लगे जो हॉकी
गोल बॉल इक बाकी
की की नाचे दिल ने फेर वी
गोल न कित्ता वे
हाथ लगे जो हॉकी...
इक वारी गोल कर दे, दिल भर दे
डिंग डिंग डिंग, फ़्लिक्कर सिंह
डिंग डिंग डिंग, फ़्लिक्कर सिंह
फ्लिक्कर सिंह, फ़्लिक्कर सिंह
साड्डा हॉकी दा वो किंग
फ़्लिकर सिंह, फ़्लिकर सिंह
हॉकी दा वो किंग
फ़्लिकर सिंह, फ़्लिकर सिंह...
(डिंग डिंग डिंग, फ़्लिक्कर सिंह
डिंग डिंग डिंग, फ़्लिक्कर सिंह)
आसे पासे वेखणा न कुछ कहणा
पंजाब के चेनाब से भी तेज बहणा
जाना है जहाँ पे तेरा ध्यान खड़ा है
रेस में ना पीछे रहना
आसे पासे वेखणा...
(डिंग डिंग डिंग, फ़्लिक्कर सिंह)
छड दे काम सारे
तेरा ख्याल था, वो ही कमाल था
तू जो मिली मझधारे, मझधारे
रुकणा न किनारे
तैरते ही रहना, बहते ही रहना
धारा चले मझधारे, मझधारे
हाथ लगे जो हॉकी...
हो इक वारी ज़िन्दगी दी गली लंघणा
मुड़ के न अस्सी तेरा घर लभणा
मुड़ के न अस्सी तेरा घर लभणा
ऊँचा रहे परचम
मेरा जो तन है, वो ही वतन है
ज़िंदा इसी के सहारे, सहारे
रुकना न किनारे
तैरते ही रहना, बहते ही रहना
धारा चले मझधारे, मझधारे
हाथ लगे जो हॉकी...
Music By: शंकर-एहसान-लॉय
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: शंकर महादेवन, एहसान नूरानी, दलेर मेहंदी, शहनाज़ अख्तर, हेमंत बृजवासी, साहिल अख्तर
अवाजा मार मुकद्दर नू
पूरे ज़ोर दे नाल
हो दो दिन घट्ट जीणा
पर जीणा तौर दे नाल
लड़ जा काके, कल तेरा है
जीने का ये, पल तेरा है
कर जा जो भी, कर जाणा है
आने वाला, पल तेरा है
हाथ लगे जो हॉकी
गोल बॉल इक बाकी
की की नाचे दिल ने फेर वी
गोल न कित्ता वे
हाथ लगे जो हॉकी...
इक वारी गोल कर दे, दिल भर दे
डिंग डिंग डिंग, फ़्लिक्कर सिंह
डिंग डिंग डिंग, फ़्लिक्कर सिंह
फ्लिक्कर सिंह, फ़्लिक्कर सिंह
साड्डा हॉकी दा वो किंग
फ़्लिकर सिंह, फ़्लिकर सिंह
हॉकी दा वो किंग
फ़्लिकर सिंह, फ़्लिकर सिंह...
(डिंग डिंग डिंग, फ़्लिक्कर सिंह
डिंग डिंग डिंग, फ़्लिक्कर सिंह)
आसे पासे वेखणा न कुछ कहणा
पंजाब के चेनाब से भी तेज बहणा
जाना है जहाँ पे तेरा ध्यान खड़ा है
रेस में ना पीछे रहना
आसे पासे वेखणा...
(डिंग डिंग डिंग, फ़्लिक्कर सिंह)
छड दे काम सारे
तेरा ख्याल था, वो ही कमाल था
तू जो मिली मझधारे, मझधारे
रुकणा न किनारे
तैरते ही रहना, बहते ही रहना
धारा चले मझधारे, मझधारे
हाथ लगे जो हॉकी...
हो इक वारी ज़िन्दगी दी गली लंघणा
मुड़ के न अस्सी तेरा घर लभणा
मुड़ के न अस्सी तेरा घर लभणा
ऊँचा रहे परचम
मेरा जो तन है, वो ही वतन है
ज़िंदा इसी के सहारे, सहारे
रुकना न किनारे
तैरते ही रहना, बहते ही रहना
धारा चले मझधारे, मझधारे
हाथ लगे जो हॉकी...
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